रिपोर्टर रवि गोपाल बर्गली
उत्तराखंड :- मानसून का आगमन भीमताल के कास्तकारों के लिए भारी मुसीबत लेकर आया है । भीमताल के चांफी में होंने वाली टमाटर की ज्यादातर फसल पेडो मे ही सडने लगी है जिसे कास्तकार उन्हें फेकने को मजबूर हो गए है । नैनीताल जनपद के पहाडी क्षेत्रो मे लोगो की आमदनी का साधन सिर्फ खेतो पर ही निर्भर करता है जहा से कास्तकार अपनी रोजी रोटी चलाता है नैनीताल जनपद का यह चाफी क्षेत्र है जहा के टमाटर पूरे कुमाउ मे प्रसिद्ध है और यहा से सब्जिया उत्तराखण्ड के बाहर भी भेजी जाती है लेकिन कुदरत के सामन सब विवश है इस साल समय से पहले हुयी बारीश ने चाफी के कास्तकारो की कमायी का एक मात्र साधन भी इन से छिन लिया है कभी यहा टमाटर से लदे पेड नजर आते थे
लेकिन अब पेडो पर सडे गले टमाटर ही बचे है यहा के कास्तकारो ने अपनी सभी पुंजी खेती मे लगा दी है । कास्तकारों का कहना है चांफी में टमाटर मुख्य फसल के रूप में उगाई जाती है जिसमें इस बार रोग लग जाने से ज्यादातर टमाटर की फसल बर्बाद हो गयी है ।
वही उद्यान अधिकारी का कहना है कि बीज की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण भी टमाटर में रोग उतपन्न हो जाता है । साथ ही कास्तकारों को चाहिए कि बीज के साथ खेतों में एक जैसी फसल भी बार बार न लगाएं ।