


कोविड 19 के चलते कोरोना वार्डो में कैसे ड्यूटी करे नवजात शिशुओं की माताएँ
रिपोर्टर अतुल अग्रवाल
हल्द्वानी वैश्चिक महामारी कोरोना संक्रमितों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है जिसके लिये हॉस्पिटलों में स्टाफ की ड्यूटी अनिवार्यता है
लेकिन कोई भी इस महामारी में अपनी ड्यूटी एवम सेवाये देने से इनकार नही कर रहा है
परन्तु कुछ महिलायें ऐसी भी है जो कि अपने परिवारों से दूर रहकर कोरोना संक्रमितों की सेवाओं में दिन रात अपना कर्तव्य निभाते हुए सेवाये दे रही है
सबसे बड़ी समस्या ऐसी माताओं के समक्ष खड़ी है नौकरी बचाये या अपने बच्चे
कुछ महिलाओं के द्वारा बताया गया कि अभी उनके शिशु मात्र एक या सवा वर्ष के है

और उनकी ड्यूटी कोरोना संक्रमित मरीजों के वार्डो में लगाई गई है
महिलाओं का कहना है कि यदि ड्यूटी के दौरान वह संक्रमित हो जाती है ऐसी परिस्तिथियों में उनके शिशुओं को कौन देखेगा
ऐसी बात को लेकर अभी पूर्व में आशा कार्यक्रतियो के द्वारा पूरे देंश में 3 दिवसीय कार्य बहिस्कार भी किया गया था
लेकिन सरकार के द्वारा अनदेखा किया गया वही कुछ महिलाएं अपनी इस समस्या को लेकर ज़िलाधिकारी कैम्प कार्यालय भी गई थी जहां ADM महोदय द्वारा उनका शिकायती पत्र ये बोल रख लिया कि आपकी समस्या ज़िलाधिकारी महोदय के समक्ष रख दी जायेगी
बात की जाये अभी तक महिलाओं के पास उनकी समस्या के समाधान हेतू क्या कदम उठाये गये कोई जानकारी अभी तक नही मिली
जहॉ एक ओर सरकार कहती हैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वही दूसरी ओर स्वास्थ सेवाओ के नाम पर कोरोना वार्डो में ड्यूटी लगाकर महिलाओं का उत्तपिड़न किया जा रहा है ये बहुत ही खतरनाक परिणामो की ओर इशारा कर रही हैं यदि इसी प्रकार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती गई वो दिन दूर नही जब प्रदेश की जनता स्वास्थ सेवाओ की बदहाली के चलते मरती नज़र आयेगी
सवाल वही जब मात्र 100 व्यक्ति भी संक्रमित नही थे उस वक़्त सुबह 7 से 10 बजे तक कि राहत थी आज जब संक्रमितों का आँकड़ा 10 हज़ार को पार कर गया है
आज सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक कौन से मानकों के अनुसार आदेश पारित किये जा रहे हैं एक ओर सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश के सभी धार्मिक स्थानों में पूजा अर्चना , इबादत , पाठ अत्याधिक व्यक्तियों के द्वारा नही
वही दूसरी ओर मधुशालाओ , बैंकों , सरकारी विभागों जनप्रतिनिधियों के द्वारा जन्मदिन एवम शिलान्यास व उदघाट्न समारोह में जन समूह नही कर रहा गाईड लाइनों का पालन
बात की जाये प्रदेश के मुखिया द्वारा एक आदेश पारित किया जाता है फेस मास्क नही लगाने पर , 200 एवम 500 के चालान के साथ 2 फेस मास्क दिये जायेंगे बेहतर होता फेस मास्क दे हिदायत दी जाती नियमो का पालन करने की
लेकीन सरकार का उद्देश्य केवल धन वसूली मात्र बन रह गया है
एक ऑटो वाला दिन भर में 400 , 500 रुपया कमाता है
वही पुलिस द्वारा 5 हजार से 20 हज़ार रुपयो तक का चालान काट दिया जाता है या फिर कोर्ट चालान कर दिया जाता है
एक ओर कोरोना के चलते बेरोजगारी , बन्द कारोबार व्यक्ति बड़ी मुश्किल से काम कर परिवार का पालन पोषण करने के लिऐ संघर्ष कर रहा है
वही हज़ारो रुपयो की चालान की मार से पीड़ित हैं
