रिपोर्टर ज़फर अन्सारी
श्रीमान प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी तथा उप प्रभागीया वनाधिकारी, गौला के निर्देशन में वन उपज के अवैध के अभिवहन विरुद्ध कार्यवाही
तराई पूर्वी वन प्रभाग की डौली रेंज ने लीसा तस्करी में लिप्त वाहन को पकड़ा*- वनक्षेत्राधिकारी डौली लालकुंआ को मुखबिर खास से सूचना मिली कि दिनांक 24-08-2020 रात्रि में हल्द्वानी- किच्छा राष्ट्रीय राजमार्ग से पहाड़ी क्षेत्रों से अवैध निकासी से लाए जा रहे बहुमूल्य लीसा की तस्करी बरेली ,उत्तर प्रदेश को किये जाने की पूर्ण संभावना है। सूचना होने पर वनक्षेत्राधिकारी अनिल जोशी के नेतृत्व में डौली रेंज की टीम के द्वारा समस्त संभावित रास्तो में टीम को तैनात कर नाकेबंदी करवा दी गयी। दिनांक 24-08-2020 की रात्रि लगभग 9 बजे शांतिपुरी बैरियर पर वन विभाग की टीम को हल्द्वानी -किच्छा राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से एक वाहन आते दिखाई दिया ,जिसको जांच हेतु रोकने का प्रयाश किया गया ,परंतु वाहन चालक द्वारा वाहन की स्पीड बड़ा कर वाहन को किच्छा की ओर भगा दिया गया। वन कर्मियों द्वारा वाहन का बाइकों से पीछा किया गया । पीछा करने पर वाहन चालक अपने वाहन को सड़क के किनारे छोड़ कर अँधेरे का फायदा उठा कर मौके से फरार हो गया। वाहन की तलाशी लेने पर उक्त महिंद्रा पिकअप वाहन संख्या UA06 E 7936 में लीसा निकासी के सम्बंध में किसी प्रकार के पत्रजात नही पाए गए। वनकर्मियों द्वारा बहुमूल्य वन उपज लीसा के अवैध अभिवहन करने पर वाहन को कब्जे में लेकर विभागीय संसाधनों द्वारा लालकुंआ वन परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया है। वाहन में पाये गए लीसा की वर्तमान में बाजार कीमत लगभग 1.5 लाख आँकी जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने बताया ततथा अज्ञात वाहन चालक/ स्वामी के विरुद्ध बिना निकासी प्रपत्रों के वन उपज के अवैध अभिवहन करने पर वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वन अपराध दर्ज कर दिया गया है तथा प्रकरण की जाँच करते हुए यह पता लगाया जा रहा है कि उक्त लीसा की तस्करी कहाँ से हो रही थी। सीज़ किए गए उक्त वाहन में लीसा के 111 टिन भरे हुए पाए गए , जिन्हें तिरपाल तथा फल-सब्ज़ी ले जाने वाली कैरट से ढक कर ले जाया जा रहा था। वन उपज के अवैध अभिवहन में लिप्त लोगो को बख्शा नही जायेगा। टीम में रेंजर श्री अनिल जोशी , उपराजिक श्री मनोज जोशी ,वनदरोगा श्री दिनेश पन्त तथा दैनिक श्रमिक साहिद बेग , मनोहर जोशी, कृष्ण सुयाल, अमजद तथा अन्य वनकर्मी शामिल थे।
