सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का देश और देश की व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा
ब्यूरो बरेली- शाहिद अंसारी
सुशांत सिंह राजपूत एक महान क्रांतिकारी व्यक्तित्व थे। देश के विकास में उनका सबसे बड़ा योगदान था। उनकी आत्महत्या का देश और देश की व्यवस्था पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा। जिसके परिणामस्वरूप हमारे देश का सकल घरेलू उत्पाद -24.00 हो गया।
सरकारी संपत्तियां, बैंक जमकर बिक रहे हैं। उद्योग और व्यापार के डूबने से बेरोजगारी बढ़ रही है और भविष्य में और अधिक गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। एक तरफ कोरोना का संकट बढ़ रहा है और दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग करोना की बलि चढ़ रहे है। ऐसी संकट की स्थिति में, देश की व्यवस्था और देश की सुध लेने की सारी ज़िम्मेदारी कंगना राणावत पर आ गई है। यह प्रशंसा की बात है कि उसने भी इस ज़िम्मेदारी को बड़े उत्साह के साथ स्वीकार किया है। इसलिए हमारा मीडिया सही दिशा में जा रहा है। सार्वजनिक आलोचना के बावजूद, मीडिया के लिए इस आलोचना की अनदेखी कर इन मुद्दों पर अधिक चर्चा करने के साथ-साथ देश में स्थिति को सुधारने के लिए नियमित रूप से समाचार दिखाना महत्वपूर्ण है।
हालांकि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के मास्क सैनिटाइज़र पीपीई किट जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति रोक दी है और कंगना मैडम को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है, यह उनके कार्यों को देखते हुए उन पर अन्याय है और लोग चाहते हैं कि उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। सुशांत सिंह सर को बधाई देते हुए कंगना मैडम को सलाम और मीडिया को दंडवत प्रणाम|
