


किसान आंदोलन पर बर्बर दमन के खिलाफ मोदी का पुतला किया दहन
डेस्क कॉर्बेट बुलेटिन हल्द्वानी
लालकुआं किसान संघर्ष काले कृषि कानूनों की वापसी तक रुकने वाला नहीं है। तीन किसान विरोधी कानूनों और प्रस्तावित बिजली बिल-2020 को वापस लेने की मांग पर चल रहे किसान आंदोलन पर बर्बर दमन के खिलाफ आज देशव्यापी विरोध दिवस पर मोदी का पुतला दहन व सभा की गई। पुतला दहन कार्यक्रम व सभा कोरोना मानकों का पालन कर मास्क लगाकर की गई। कार रोड चौराहे पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, “शांतिपूर्ण तरीके से केंद्र की मोदी सरकार के समक्ष तीन कृषि कानूनों पर अपना लोकतांत्रिक विरोध व्यक्त करने दिल्ली जा रहे किसानों को दमनकारी अमानवीय व असम्मानजनक हमलों का सामना करना पड़ा है, जिसमें सरकार ने उनके रास्ते में बहुत सारी बाधाएं डालीं, पानी की बौछार की, आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया और हाईवे तक खोद दिये। मोदी सरकार की यह कार्यवाही यह बेहद शर्मनाक और कायराना है जो अन्नदाता किसानों से बात तक करने में डर रही है।” उन्होंने कहा कि,”तीन काले कानून और बिजली बिल 2020 वापस लेने की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया देने की जगह सरकार और भाजपा किसानों को बदनाम कर रही है और मुद्दा बना रही है कि किसानों के पीछे किसका षडयंत्र है। यह मुख्य मुद्दे से देश की जनता का ध्यान बाँटने के लिए और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए हो रहा है। लेकिन देश की जनता और किसान अपनी एकता मजबूत करते हुए इसको सफल नहीं होने देंगे।” किसान महासभा के जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “पूरे देश के किसान एकताबद्ध हैं और सभी एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों, जो कारपोरेट के हित की सेवा करते हैं और जिन्हें बिना चर्चा किए पारित किया गया तथा बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुँचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और जब तक किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है।” भाकपा(माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “पूरे देश के किसानों ने पहले ही कृषि संशोधन कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कर उन्हें वापस लेने की मांग की थी हुए देशव्यापी विरोध कार्यक्रमों पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर देश भर में बहुत सारे विरोध आयोजित किये, लेकिन मोदी सरकार द्वारा किसानों की मांगों पर कोई भी संज्ञान न लेने के बाद ही किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया। और अब किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर दमन ढाया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” प्रदर्शन के माध्यम से किसान महासभा ने क्षेत्र के सभी किसानों से अपील की कि स्थानीय स्तर पर किसानों की गोलबंदी तेज करें साथ ही सभी कारपोरेट विरोधी, किसान पक्षधर ताकतों से अपील की कि वे किसानों का साथ दें और एक साथ मिलकर किसान विरोधी सरकार के खिलाफ विरोध आयोजित करें। पुतला दहन कार्यक्रम में आनंद सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, डॉ कैलाश पाण्डेय, भुवन जोशी, आनंद सिंह सिजवाली, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, स्वरूप सिंह दानू, गोपाल गढ़िया, हरीश चंद्र सिंह भंडारी, कमल जोशी, प्रोनोबेस करमाकर, आनंद सिंह दानू, हरीश टम्टा, मुस्ताक आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
