
मोहम्मद जाकिर अंसारी
हल्द्वानी
गरीब विरोधी और सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने वाले बजट को लेकर ‘माले’ ने फूंका मोदी का पुतला

एलआईसी के विनिवेश का फैसला देश की जनता की कमाई को चंद पूंजीपतियों की जेब में डालने के लिए

प्रदर्शन के पश्चात माले की दो दिवसीय उत्तराखंड राज्य कमेटी की बैठक शुरू हुई।
भाकपा (माले) द्वारा कार रोड बिन्दुखत्ता में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने और गरीब विरोधी बजट बनाने के खिलाफ जुलूस निकालकर प्रदर्शन कर कार रोड चौराहा पर मोदी का पुतला दहन किया गया। प्रदर्शन और पुतला दहन के पश्चात माले की दो दिवसीय उत्तराखंड राज्य कमेटी की बैठक शुरू हुई।


इस अवसर पर कार रोड चौराहा पर हुई संक्षिप्त सभा में भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि, “यह बजट में बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुँचाने के लिए निजीकरण की गाड़ी की रफ्तार को तेज करने के लिए जाना जाएगा। तमाम सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी इस बजट में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। एल आई सी के विनिवेश का फैसला तथाकथित राष्ट्रवादी सरकार का राष्ट्र की आर्थिक आजादी पर हमला है। एल आई सी देश की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है। एल आई सी तमाम जनकल्याणकारी योजनाएँ संचालित करता है। इस समय चालीस करोड़ पालिसीधारक एल आई सी के मालिक हैं । सरकार विनिवेश के माध्यम से एल आई सी को चंद पूंजीपतियों की जेब में डालना चाहती है। तेजस जैसी 150 और प्राइवेट ट्रेनों को चलाने की बात कहकर वित्तमंत्री ने आम लोगों की सवारी रेलवे के निजीकरण और किराया महंगा करने की प्रक्रिया तेज करने पर मुहर लगा दी है, जबकि सरकार इससे पूर्व रेलवे के प्राइवेटाइजेशन से इंकार करती रही है। यही हाल अन्य पब्लिक सेक्टरों बैंक, रक्षा, बीएसएनएल आदि का भी है।”

उन्होंने कहा कि, “एलआईसी को बेचने का क़दम एक तरफ़ तो करोड़ों खाताधारकों के जीवन व सुरक्षा को खतरे में डाल देगा और दूसरी तरफ़ लोगों की सामाजिक सुरक्षा और ज़्यादा ख़तरे में पड़ जाएगी। इससे राजस्व जुटाने में सरकार की अक्षमता का भी पता चलता है- इसलिए सरकार कोरपोरेट लालची घरानों को छूट देने के लिए लोगों की गाढ़ी मेहनत की कमाई को छीनने पर तुली है। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का विनिवेश लोगों के भारी विरोध के बावजूद जारी है।”

बहुगुणा ने कहा कि, “सार्वजनिक क्षेत्र की क़ीमत पर कोरपोरेट क्षेत्र की कम्पनियों को सौग़ात देने की विनाशकारी नीति जारी है। बजट कई रूपों में कोरपोरेट क्षेत्र को ठोस फ़ायदा पहुँचाता है।”
उन्होंने कहा कि, “इस साल का बजट मोदी सरकार की तबाही फैलाने वाली नीतियों का ही अगला चरण है। इसमें बेरोजगारी, महँगाई, खेती की बदहाली और घटती मज़दूरी से पहाड़ों तले कराहती आम अवाम के लिए कोई राहत नहीं है।”

उन्होंने कहा कि, “पिछले साल बहुप्रचारित आयुष्मान भारत योजना का संशोधित बजट अनुमान 6556 करोड़ से घटकर लगभग आधा, 3314 करोड़ था। इस साल भी हमें देखना होगा कि असल में इस योजना में कितना ख़र्च होता है और कितने लोगों को इसका फ़ायदा मिलता है।”
राजा बहुगुणा ने जोर देते हुए कहा कि, कुल मिलाकर यह बजट सरकारी प्रचार अभियान की तरह ही है जो गिरती अर्थव्यवस्था को सम्भालने, बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने, मंदी दूर करने और माँग बढ़ाने- ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्रों में माँग बढ़ाने जैसे मामलों पर कुछ भी नहीं करता, और हालात को जस का तस बनाए रखता है।”

प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम में भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य इन्द्रेश मैखुरी, बहादुर सिंह जंगी, के पी चंदोला, के के बोरा, आनन्द सिंह नेगी, विमला रौथाण, अतुल सती, ललित मटियाली, डॉ कैलाश पाण्डेय, नैन सिंह कोरंगा, गोविंद सिंह जीना, स्वरूप सिंह नेगी, हरीश भंडारी, कमल जोशी, वीरभद्र सिंह भंडारी,त्रिलोक राम,हरीश राम,रोबिन कुमार, गोपाल गड़िया, विनोद कुमार, बंशी प्रसाद आदि मौजूद रहे।
