कालाढूंगी हजरत सय्यद हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह के 111वा उर्स के तीन दिवसीय सालाना उर्स के अंतिम दिन तीसरे कुल शरीफ के साथ उर्स का समापन कर दिया गया। वहीं नगर व दूर-दराज से आए अकीदतमंदों ने मज़ार शरीफ पर चादरपोशी कर क्षेत्र की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। वार्ड नंबर चार में जंगल मे स्थित हजरत सय्यद हाजी हबीबुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह का मज़ार पर 111वां तीन दिवसीय सलाना उर्स बड़ी सादगी के साथ मनाया गया। शनिवार को अंतिम कुल शरीफ में लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। कुल शरीफ के दौरान कुरआन ख्वानी और नात ख्वानी भी की गई, जिसमें नगरवासियों सहित दूर-दराज से आए अकीदतमंदों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वहीं, दिनभर लोगों का मज़ार पर चादरपोशी करने का क्रम जारी रहा। साथ ही मज़ार के सदर वकील अहमदमुफ्ती मोहम्मद अखलाक जामा मस्जिद के इमाम असरार हुसैन मदीना मस्जिद के इमाम शाहिद रजा कारी जाने आलम हाफिज इमामुद्दीन अलाउद्दीन ने देश की खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ कराई। उधर, रात्रि में मज़ार पर कव्वाली के प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें बाहर से आए कव्वालों की टीम ने अनीश साबरी, सारिक चिस्ती ने कलाम पेश कर महफिले समा को बांध दिया। वहीं, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अधिकारियों के अनुरोध पर अकीदतमंद मज़ार पर शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए दिखाई दिए। इस मौके पर अलाउद्दीन मोहम्मद अलीम अब्दुल सलाम सब्बू अकील अहमद ताहिर कादरी जलालुद्दीन सुल्तान निजाम अली मोबीन अली जुबेर आलम मेहंदी हसन तहसील से इमराम खान आदि मौजूद थे।