
रिपोर्ट मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी। कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका भगवान या खुदा होता है। हर शख्स की इच्छा होती है कि मौत के बाद अपनों के कंधों का सहारा मिले, लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको अंतिम समय में अपनों का साथ नहीं मिल पाता है। ऐसे लोगों के लिए हमारे इस छोटे से नगर कालाढूंगी में बेसहारे लोगों के लिए वेलफेयर संस्था के साथ सभासदो पूर्व सभासद सईद अहमद व नगर के वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा हो या पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष दीप चन्द्र सती हो या कालाढूंगी की मित्र पुलिस के थाना अध्यक्ष दिनेश नाथ महंत हमेशा सहारा बनकर खड़े रहते हैं गरीबो के मशीहा बनकर हर समय साथ खड़े होते है हम बात कर रहे है 25 से 30 सालो से भिक मांगकर गुजारा कर रहे अपनी पत्नी के साथ शनि बाबा की मृत्यु होने के बाद उनकि पत्नी जो आंखों से नही देख सकती उनके पति का बुधवार को बीमारी के चलते उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी आज आखों से तो नही देख सकती लेकिन सहारा था अपने पति का आज शनि बाबा की मृत्यु होने के बाद पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। फुट फुट कर रोने लगी और कहने लगी अब में किसके सहारे रहूंगी आँखों से देख नही सकती पर अंतिम संस्कार के लिए जाते समय हर एक पड़ोसी से लेकर आँखे नम हो गई हर सख्स कहता दिखा की आखिर नवीना जो आंखों से नही देख सकती बो अब किसके सहारे जीएगी। हम बात करे नगर पंचायत द्वारा उनको हाल ही में एक टिनशेड डालकर छत का सहारा दिया था। छत मिलने के बाद पता नही था कि एक साल के अंतराल में पति दुनिया से रुखसत हो जायेअंगे।लेकिन भगवान को यही मंजूर था। वार्ड के सभासद से लेकर सामाजिक लोगो ने उनका अंतिम संस्कार किया हम बात करे यहां के कुछ लोगो की समय पर यानि सामाजिक कार्यों में हमेशा सदा बढ़ चढ कर भाग लेते हैं हर दुख की घड़ी में कालाढूंगी नगर ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों की मदद करते रहे है। उनका कहना है जिनका कोई नहीं होता मृत्यु परांत वे उनका अंतिम संस्कार से लेकर हर दुख की घड़ी में साथ रहते है।

मृतक नरेश 45 बर्ष, पत्नी सुमित्रा 55 बर्ष, कालाढूंगी में 35 साल से निवास कर रहे है।
3 बच्चे भी थे जो
रामनगर एक एक्सीडेंट में मारे गए 7 साल लड़का था 5 साल की लड़की थी 3 साल की लड़की थी रामनगर में नहर के निकट नहाते बक्त उनको एक अज्ञात वाहन ने कुचल दिया था जिनमे तीनो की मौत हो गई थी। उसके बाद से यह दोनों मियां बीबी कालाढूंगी रहने लगे थे।
दशकों से रहकर भीख मांगकर अपना गुजारा करने वाले नरेश (शनि बाबा) का बुधवार की सुबह शुगर की बीमारी के चलते निधन हो गया। शनि बाबा के निधन की खबर उनके हल्द्वानी स्थित परिचितों तक पहुंचाई गई लेकिन कोई नहीं पहुंचा तब कालाढूंगी के कुछ स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत कर्मियों के माध्यम से उनका अंतिम संस्कार किया। शनि बाबा के नाम से चर्चित नरेश यहां अपनी अंधी पत्नी सुमित्रा के साथ इधर उधर पेड़ों व मकानों की छाया में ही जिंदगी काटकर और भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहे थे। गरीबों की मदद में आगे रहने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा ने मुख्य व तहसील के पास खाली पड़ी भूमि में टिन शेट डालकर उनको सर छुपाने के सहारा दिया तथा उसमें लाइट की व्यवस्था भी की। यह भी सुनने में आया है कि नरेश के शुगर ग्रस्त हो जाने पर उनकी दवाई का खर्चा भी पुष्कर कत्यूरा उठा रहे थे साथ ही उनकी खस्ता हालत को देखते हुए एक परचून की दुकान से उनको खाद्य सामग्री देने का खर्चा भी उठाते थे। जबकि पूर्व सभासद सईद अहमद द्वारा भी हमेशा उनकी मदद की जाती थी जब भी इन दोनों को इमरजेंसी में कोई जरूरत पड़ती तो यह दोनों तुरंत सईद अहमद के पास पहुंच जाते थे। बहरहाल बुधवार को नरेश बाबा का देहांत हो जाने पर नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर कत्यूरा व उनके नगर पंचायत कर्मियों एवं सभासद हरीश मेहरा, दीनू सती, पूरन जोशी, कैलाश बुधलाकोटी एवं शिक्षक मनमोहन बसेड़ा आदि के सहयोग से उनका अंतिम संस्कार किया गया। नगर पंचायत कर्मी महिपाल, जीवन, तरुण गौरव, सचिन, राजेंद्र, विशाल, आकाश, सुनील, दीपक आदि ने स्थानीय घाट पर अंतिम संस्कार किया।

