
उत्तराखण्ड में शिक्षा को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे और वादे होते रहे हैं। लेकिन जमीनी हालात यह हैं कि इंटर कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए पानी, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। शिक्षकों और स्टाफ की भारी कमी है। कई जगहों पर छात्र-छात्राएं जीर्ण-शीर्ण भवनों में पढ़ने को विवश हैं

कालाढूंगी शिक्षक भवन खस्ताहाल हो चुके है। इसके अलावा कोटाबाग आदर्श कॉलेज के जर्जर भवन इंटर कॉलेज को आदर्श कॉलेज का तमगा तो दे दिया गया, लेकिन यहां गुरुजनों के लिए बने भवन आज भी खंडहर हालत में हैं। जिन्हें देखने वाला कोई नहीं है। बच्चों को शिक्षा देने वाले शिक्षक कैसे खण्डहरों में रहा रहे हैं, यह न तो सरकार देख रही है और न शिक्षा विभाग। कालाढूंगी व कोटाबाग राजकीय इंटर कॉलेज के परिसर में लगभग 40 वर्ष पुराने यह आवासीय भवन आज जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच चुके हैं। टपकती छतों में शिक्षक व कर्मचारी अपने परिवार के साथ सर छिपाने को मजबूर हैं। कही भवनों के ऊपर तो कहीं भवनों के अंदर तिरपाल लगाकर काम चालाया जा रहा है। इतना ही नही बरसात के दिनों में यहां कोई भी अध्यापक नही रहते उनको डर इस बात का रहता कि बारिश के दौरान कब कहाँ से पलास्टर टूट कर गिर जाए कब कोई चोटिल हो जाये यहां से अध्यापक रात रुकने के लिए हलद्वानी की और रुख कर रात गुजारकर आते है। कालाढूंगी एवं कोटाबाग दोनों ही जगह राजकीय इंटर कॉलेज में बनी शिक्षक कालौनी रहने काबिल के नहीं रह गयी है। बरसात हो या गर्मी या फिर सर्दी इन जर्जर भवनों में खौफ बना हुआ है। हालात यह हैं कि कभी भी भवनों का प्लास्टर टूटकर गिर जाना आम बात हो गई है। कोटाबाग राजकीय इंटर कालेज की शिक्षक कालौनी में इस वक्त आधा दर्जन शिक्षक एवं कर्मचारी निवास करते हैं और राजकीय इंटर कालेज कालाढूंगी में भी प्रधानाचार्य सहित इतने ही शिक्षक और कर्मचारी निवास करते हैं। शिक्षा की उन्नति पर ध्यान देने वाली सरकार और विभाग को गुरुजनों का कोई ध्यान नहीं है। दोनों ही जगह लगभग 35 से 40 वर्ष पुराने यह भवन हैं देखा जाए तो यह भवन मरम्मत के लायक भी नहीं रह गए हैं। फिर भी कई शिक्षक एवं कर्मचारी ऐसे भवनों में अपने परिवार के साथ रहकर हर समय खतरों का सामना कर रहे हैं। राइंका कालाढूंगी के प्रधानाचार्य अशोक कुमार सिंह व राइंका कोटाबाग के प्रधानाचार्य एसएस रौतेला ने बताया कि भवन मरम्मत के लिए कई बार विभाग को लिखा जाता रहता है। कई बार विभाग से भी भवन मरम्मत हेतु रिपोर्ट मांगी जाती है तो उनके द्वारा रिपोर्ट बनाकर भेज दी जाती है। विभाग द्वारा ही मरम्मत कराई जानी है। जिसके लिए धनराशि की प्रतीक्षा है। नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता का कहना है कि कालाढूंगी व कोटाबाग राजकीय इंटर कालेज की शिक्षक कालौनी के खस्ताहाल भवनों का प्रपोजल तैयार कर भवन मरम्मत के लिए शीघ्र ही सरकार से बजट की मांग करेंगे।आदर्श विद्यालय राजकीय इंटर कालेज कोटाबाग की कॉलोनी में बिल्डिंग की हालत खस्ता है। इसके बारे में कई बार उच्च नेताओं को लिख दिया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अंशु पांडे भाजपा नेता,कोटाबाग: बिल्डिंग खराब होने के कारण शिक्षकों को बाहर से आना पड़ रहा है।
4 – 5 शिक्षकों जिस मैं रहे हैं, वह बिल्डिंग भी टपक रही है। उन्हें मजबूरन बिल्डिंग में रहना पड़ रहा है
कोटाबाग विकासखंड के पर्वतीय क्षेत्र छड़ा, बागजाला
नेशनल रीडिंग डे के उपलक्ष्य में हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट द्वारा वितरित की गई पुस्तकें
