रिपोर्टर :मोहम्मद उस्मान अंसारी सितारगंज
जनहित कल्याण समिति NGO ने नुक्कड़ सभाओं में बताए नशे के दुष्परिणाम की ओर से नशे के खिलाफ जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।
गांव गांव शहर शहर नुक्कड़ सभाओं का.आयोजन कर जनता को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा है
समिति अध्यक्ष मौलाना सलीम रिज़वी ने एक नुक्कड़ सभा मे कहा
नशे से जन और धन दोनों की हानि होती है
नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे अनमोल जीवन को नष्ट कर देता है, नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है।
उन्होंने ने कहा
नशे के रूप में लोग शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है। नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टी से हेय हो जाता है और उसकी सामाजिक क्रियाशीलता शून्य हो जाती है
, फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है। ध्रूमपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं, वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है। तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है।
कार्यक्रम में कोतवाली प्रभारी महोदय इंस्पेक्टर सलाह उद्दीन ने कहा
हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है। मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है।
भारत में केवल एक दिन में 11 करोड़ सिगरेट फूंके जाते हैं, इस तरह देखा जाय तो एक वर्ष में 50 अरब का धुआँ उड़ाया जाता है। आज के दौर में नशा फैशन बन गया है।
उन्होंने ने सभा मे उपस्थित लोगों को नशा न करने की हिदायत की
और नशे के करोबरोयों पे शिकंजा कसने की बात की
उन्होंने कहा
जनहित कल्याण समिति द्वारा नुक्कड़ सभाएं कर
एक युद्ध नशे के विरुद्ध कर्यक्रम
की जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है।