राइटर,अंजुम कादरी ✍🏻
कादरी लिखतीं है अपनी जादुई कलम से, हमारे भारतवर्ष में जनसंख्या नियंत्रण नीति को पूर्ण रूप देने के लिए देश मे जनसंख्या पर चर्चा चल रही है। भारत सरकार को नीति चेंज करनी चाहिए।
प्रौढ़ शिक्षा में जब हम प्राणों को शिक्षा देते हैं और उनसे पहले ही दिन कहते हैं सिलेट पर ( अ ) लिखें तब वह डर जाते हैं और कहते हैं यह कौन सी अनसुलझी पहेली में हमें फंसा रहे हो हमें तो कुछ भी इस तरह से बनाना नहीं आता और हमने छोड़ा यह सब हम वैसे ही ठीक हैं।
लेकिन हम उन्हें यही सब निशानों के माध्यम से लिख कर देते हैं और कहते हैं इन निशानों को जोड़ दीजिए तो वह आसानी से कर लेते हैं हमारा काम भी हो जाता है और बात भी पूरी हो जाती है। इसीलिए कहा जा रहा है जनसंख्या नियंत्रण के लिए भारत सरकार को एक अलग से संगठन को तैयार करना होगा जो गांव ,शहर जाकर अपने भारतीय भाई बहनों को मोल्ड कर सके।
जो बढ़ती जनसंख्या पर सरकार खर्च कर रही है वही पैसा संगठन में कार्य करने वालों को बतौरे सैलरी खर्च करे।
इस संगठन में आंगनबाड़ी या आशा लोगों को कार्य ना दिया जाए बल्कि इसमें यूजी पीजी पास स्टूडेंट को ही रखा जाए और इस संगठन के लिए मेडिकल कॉलेज की स्टडी मटेरियल से कुछ किताबें छोटे-छोटे भागों में छापी जाएं और घर घर स्त्री पुरूषों को वितरित की जाए यदि स्त्री पुरुष साक्षर नहीं है तो उनको उस पुस्तक को पढ़कर सुनाया जाए इस तरह से इस्त्री घातक बीमारियों से बच सकती हैं और पुरुषों में भी बहुत सारी कमियां देखने को मिल रही है वह भी सही होंगी और यूजी पीजी किए हुए व्यक्तियों को रोजगार भी मिलेगा और भारत को बढ़ती जनसंख्या से निजात भी मिलेगी।
हमारे देश की जनता जब इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, इलेक्ट्रीशियन मीडिया के जरिए इस तरह के भाषण या डिबेट को या किसी भी व्यक्ति की वाइट को सुनते हैं और विषय जनसंख्या विस्फोट का होता है तब वह बुरा भला कहते हैं उनको समझ नहीं पाते कि हमारी हित की बात हो रही है।
यही कारण है जो आज जनसंख्या नियंत्रण के बाद भी जनसंख्या बढ़ती जा रही है जहां मोदी सरकार ने हजारों योजनाओं को लागू किया हुआ है वहां एक और सही जबकि यह सही तरीका है जनता को समझाने का और यह काम इस तरह से करने से कई परिवार और कई यूजी पीजी स्टूडेंट रोजगार प्राप्त कर पाएंगे सरकार को स्टूडेंट का हनन नहीं करना चाहिए एजुकेशन सब्जेक्ट पर भारत की न्यू पापुलेशन काफी हद तक यूजी पीजी किए हुए हैं और बेरोजगार घूम रहे हैं यदि इस तरह से छोटे-छोटे संगठन बनाकर रोजगार के नए तरीके निकाले जाएं तो हमारा देश चैनो अमन का देश होगा और यह जो दंगा फसाद मारामारी चोरी क्राइम जैसे काम खत्म हो जाएंगे और जो आजिज आकर परेशान होकर लोग अक्सर नशा करना शुरू कर देते हैं तो कहीं ना कहीं नशा मुक्त भी हो सकता है भारत