ज़ाकिर अंसारी संपादक कॉर्बेट बुलेटिन हल्द्वानी
उत्तराखंड के मुख्य द्वार उत्तराखंड के नैनीताल जिले के डॉक्टर सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को अब 12 असिस्टेंट प्रोफेसर मिल गए हैं।आपको बताते चलें कि 23 दिसंबर 2022 को हुए साक्षात्कार में 9 असिस्टेंट प्रोफेसर 2 एसोसिएट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी ने बताया है कि डॉक्टर सुशीला तिवारी हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज को डॉक्टर नौशीन नियाज़ वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ को नेत्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है।डॉक्टर नौशीन नियाज़ लालकुआं के शहजाद खान की बेटे की बहु है। जिन्होंने उत्तराखंड का नाम रोशन कर आज प्रोफेसर बनकर अपने सपने को साकार कर दुनिया को दिखा दिया है, अगर कुछ बनना हो तो को साकार करने के लिए उसकी एक रूपरेखा तैयार कर उसके रास्ते चल कर जो खुशी मिलती है उसकी बात ही निराली होती है। डॉक्टर नौशीन नियाज़ एक कर्मठ, ईमानदार तथा स्वच्छ छवि की तथा मरीजों से अच्छा व्यवहार करने के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।डॉक्टर ईश्वर सिंह व डॉ वरुण गर्ग अस्थि रोग विशेषज्ञ, डॉ मयूरी श्रीवास्तव माइक्रोबायोलॉजी,डॉक्टर तपिश रायपा को रेडियोलॉजी,डॉ एस के शर्मा को जनरल मेडिसिन,डॉ सोनाली थॉमस को एनाटॉमी, डॉ वैभव कुमार को जनरल मेडिसिन, डॉक्टर पूजा हटवाल को फॉरेंसिक मेडिसिन, डॉक्टर श्वेताभ प्रधान को जनरल सर्जरी, डॉक्टर विमलेश शर्मा को नेत्र रोग तथा शहजाद अहमद को ईएनटी विभाग दिया गया है बीते दिनों हुए साक्षात्कार के बाद 12 संविदा डॉक्टरों का चयन किया गया है।
निदेशालय के निर्देशानुसार उन्हें 10 दिन के भीतर ज्वाइन करने को कहा गया है इससे कॉलेज व अस्पताल दोनों जगह मदद मिलेगी। प्राचार्य ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि मेडिकल कॉलेजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम मिल गई है। जिससे कुमाऊं मंडल सहित उत्तर प्रदेश से आने वाले सभी मरीजों को भरपूर लाभ मिलेगा और डॉक्टर की कमी की पूर्ति हो पाएगी। डॉ विनीता शाह महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देहरादून ने बताया है कि साक्षात्कार के बाद 12 असिस्टेंट प्रोफेसर को डॉक्टर सुशीला तिवारी हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज के लिए सेवाएं प्रदान करने का अवसर दिया है। कहते हैं जब हौसले बुलंद हो तो मंजिलें खुद बहुत करीब खिंची चली आती है ऐसा ही नजारा 12 प्रोफेसर को देखकर लगता है कि इनके हौसले जरूर बुलंद रहे होंगे तभी इनको मंजिल मिली। कहते हैं। कहते हैं सपने उन्ही के साकार होते हैं जिनके सपनों में जान होती है।पंख होने से कुछ नहीं होता है हौसलों से उड़ान होती है।