हल्द्वानी रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण हटाने का मामलासुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ” सबसे बड़ी बात यह है कि जो वहां रह रहे वो भी इंसान हैं, और वे दशकों से रह रहे हैं…
अदालतें निर्दयी नहीं हो सकतींअदालतों को भी संतुलन बनाए रखने की ज़रूरत है और राज्य को भी कुछ करने की ज़रूरत है।
“रेलवे ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की हैअगर आप लोगों को बेदखल करना चाहते हैं तो नोटिस जारी करें;
जनहित याचिका के सहारे क्यों? इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता”वही रेलवे की तरफ से कहा गया की वो बंदे भारत वहां चलाना चाहते है।
इसको लेकर प्लेटफॉर्म को बड़ा करने की जरूरत है।इसके अलावा ट्रैक पर पानी भर जाता है।उतराखंड सरकार कानूी रुप से हकदार लोगों का पुनर्वास कर सकती है।
दरअसल पिछले साल जनवरी में हल्द्वानी में नियोजित बेदखली अभियान से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी थी।
मामले की सुनवाई जारीसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम रेलवे की बात को समझ रहे है लेकिन इसमें बेलेंस करने की जरूरत हैं।हम बस ये जानना चाहते है कि पुनर्वास को लेकर क्या योजना है?ये बताया जाए कि कितनी जमीन रेलवे को चाहिए और पुनर्वास की क्या योजना है।
SC: रेलवे ने रिकॉर्ड पर कहा है कि उन्हें अपनी ज़मीनों के बारे में जानकारी नहीं है। आगे बढ़ने का एक रास्ता है…हमें आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा।
सुनवाई जारीSC ने अपने आदेश में कहा इस मामले में जल्द करवाई की जरूरत है- 4365 घर है वहां पर – 50 हजार लोग वहा रह रहे है- सुनवाई के दौरान हमें कुछ वीडियो और फोटो दिए गए- कई परिवार वाला कई सालों से रह रहे हैं।
SC: ये पुनर्वास योजना ऐसी हो जिसमें सब सहमत हो।SC: जो परिवार प्रभावित है उनकी तुरंत पहचान होनी चाहिए।