रिपोर्टर – समी आलम

• सरकारी बस अड्डे जैसी सार्वजनिक जगह पर सामूहिक बलात्कार सरकार और पुलिस के महिला सुरक्षा के दावों पर प्रश्नचिन्ह

• राज्य में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर सरकार की उदासीनता शर्मनाक
• राम रहीम-आशाराम जैसे बलात्कारियों को पेरोल देने वाली मोदी सरकार घोर महिला विरोधी
• पीड़ित परिजनों की सुरक्षा व उचित मुआवजे की गारंटी करे सरकार
देहरादून आईएसबीटी में विगत 12/13 अगस्त की रात को एक नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता का बेहद संगीन मामला सामने आया है। आई.एस.बी.टी. जैसे बसों और लोगों के निरंतर आवागमन वाली जगह पर इस तरह सामूहिक दुष्कर्म की घटना होना बेहद चिंताजनक और सिहरन पैदा करने वाली है। पूरा देश जिस समय कोलकाता, रुद्रपुर, मुज़फ़्फ़रपुर में दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं से दहला हुआ है।

पूरे देश में लोग सड़क पर उतर कर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। लग रहा था कि सामूहिक रूप से लोगों के उठ खड़े होने से इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगेगी और ठीक उसी बीच इस तरह की सामूहिक दुष्कर्म की घटना दहला कर रख देती है। भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने यह बात एक प्रेस बयान में कही।उन्होंने कहा कि, सरकारी बस अड्डे और सरकारी बसों में भी अगर लड़कियां- महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो यह राज्य सरकार और पुलिस के महिला सुरक्षा के दावों पर सवालिया निशान खड़ा करता है। महिला सशक्तिकरण का विज्ञापनी ढोल पीटने वाली धामी सरकार राज्य ने लगातार बढ़ रही महिला यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं पर उदासीनता और खामोशी की शर्मनाक चादर ओढ़ी हुई है।उन्होंने कहा कि, पिछले दस वर्षों के भाजपा के मोदी शासन में पूरे देश में महिलाओं पर हमले बढ़े हैं। असल में भाजपा का पूरा चरित्र ही महिला विरोधी है। आज आशाराम बापू और रामरहीम जैसे बलात्कारियों को पेरोल पर रिहा किया जा रहा है। बिलकिस बानो के बलात्कारियों व हत्यारों का भाजपा द्वारा महिमामंडन किया गया था। खुद प्रधानमंत्री सैकड़ो महिलाओं की आबरू के साथ खेलने वाले प्रज्ववल रवन्ना जैसे अपराधियों का चुनाव प्रचार करते हैं। तब यह समझने में भला क्या दिक्कत हो सकती है कि मोदी सरकार महिला सुरक्षा की बात जितनी कर ले, दरअसल भाजपा बलात्कारियों की संरक्षक है। इस प्रवृति के खिलाफ आज पूरा देश खड़ा हो रहा है।उन्होंने मांग की कि, यौन हमले की शिकार बनी सभी पीड़िताओं के परिजनों की सुरक्षा व उचित मुआवजे की गारंटी राज्य सरकार करे।
