
रिपोर्टर अतुल अग्रवाल हल्द्वानी

समाजवादी नेता शहीद अब्दुल रउफ सिद्दीकी की 22 वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि की अर्पित

हल्द्वानी ब्रहस्पतिवार को शहीद अब्दुल रऊफ सिद्दीकी की 22 वीं पुण्यतिथि के मौके पर हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी के कार्यालय लाइन नंबर 17 आजाद नगर पर सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा सर्वप्रथम हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने अपने भाई शहीद अब्दुल रऊफ सिद्दीकी के सहयोगियों साथियों के साथ अब्दुल रउफ सिद्दीकी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उपरांत शहीद अब्दुल सिद्दीकी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बड़े भाई अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने कहा कि आज के ही दिन 19 मार्च 1998 को उभरते हुए अजीज रहनुमा अब्दुल सिद्दीकी को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया था अब्दुलरउफ ने अपनी सामाजिक और सियासी


जिंदगी में बहुत कम समय में ही लोकप्रियता के शिखर को छू लिया था ईमानदारी तथा सांप्रदायिक सदभाब की प्रतिमूर्ति के रूप में नौजवानों की सच्ची व्याख्या तथा आदर्श चरित्र से ही झलकते थे सामाजिक सेवा राजनैतिक चेतना और संघर्षों वाला मिजाज पैदा करने वाला काम अब्दुल रउफ के नेतृत्व में किया जा जा रहा था उनकी लोकप्रियता से सफेद पोशाक और असामाजिक तत्वों में दहशत पैदा कर दी थी धन दौलत धर्म बिरादरीओं अपराधों की पैरबी करने वाले सफेदपोशओ ने इस नौजवान के उभार को चुनौती के रूप में लिया और एक नापाक गठबंधन ने 19 मार्च 1998 को हर दिल अजीज नेता गरीबों के मसीहा को गोलियों से छलनी कर दिया
हमेशा के लिए खामोश कर दिया आज भी 22 साल बाद भी जब उनके चाहने वाले अपनी भरी आंखों से कहते हैं कि अब्दुल रउफ कोई आदमी नहीं बल्कि देवता या फरिश्ता था तो उनके सुनने वालों की भी आंखें छलक जाती हैं अंत में मतीन सिद्दीकी ने कहा कि अब्दुल रउफ सिद्दीकी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके तमाम साथी व युवा उनके पद चिन्हों पर चलकर उनके सपनों को साकार करें श्रद्धांजलि देने वालों में
हाजी मतीन सिद्दीकी,जावेद सिद्दीकी,अरशद अय्यूब,विक्की खान,रेहान कुरेशी,अलीम अन्सारी, हेमन्त शर्मा,सुहेल सिद्दीकी,रोहित कुमार,विनोद कुमार दानी,रवि जोशी,रईस अहमद गुडडू,अहमद,रूमी वारसी,इस्लाम मिकरानी,जीशान परवेज,त्रिलोक आदि लोग मौजूद थे
