
कॉर्बेट बुलेटिन ब्यूरो
बरेली। लॉकडाउन के दौरान गली में दो आवारा कुत्तों को पीटने पर पुलिसकर्मियों को विभाग ने उन्हें अनोखी सजा दी है। पिटाई से घायल कुत्तों को आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों को रोजाना 5 लीटर दूध और अन्य खाने-पीने की वस्तुएं खिलानी होंगी। इस सजा की पुलिस विभाग में काफी चर्चा है। लोगों का कहना है कि इस सजा से पुलिसकर्मियों को अपनी गलती का अहसास होगा। साथ ही जानवरों के प्रति उनका प्रेम बढ़ेगा।
मामला सुभाषनगर की राजीवनगर कॉलोनी का है। कल्ड दोपहर को लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मी गश्त पर थे। इसी दौरान एक काला और एक सफेद कुत्ता उन्हें देखकर भौंकने लगा। यह देखकर सुभाषनगर थाने के दो सिपाहियों के साथ स्थानीय निवासी वीरपाल व मुन्ना कुत्तों को डंडों से बुरी तरह पीटने लगे।
पिटाई से बुरी तरह घायल दोनों कुत्ते वहीं पर बेहोश हो गए। इसी बीच कॉलोनी में छतों पर खड़े लोगों ने कुत्तों को पिटते देखा तो वीडियो बना ली और वायरल कर दिया।
यह वीडियो जानवरों की रक्षा करने वाली संस्था पीएफए के पास भी पहुंचा। बरेली में पीएफ़ए रेस्क्यू प्रभारी धीरज पाठक ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी वीडियो भेजा। मेनका ने धीरज को मामले की तहरीर पुलिस को देने के निर्देश दिए। इस संबंध में धीरज ने सीओ किला सीमा यादव से मुलाकात की। उन्हें वीडियो दिखाया। साथ ही तहरीर दी। तहरीर के आधार पर मुन्ने और वीरपाल के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा में सुभाषनगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
थाने के दो सिपाहियों को सीओ ने तलब किया। इस दौरान दोनों ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगीसीओ के आदेश पर इंस्पेक्टर सुभाषनगर ने दोनों सिपाहियों को सजा के तौर पर घायल कुत्ते को 5 लीटर दूध, ब्रेड और बिस्कुट रोजाना भिजवाने के लिए कहा। यह सजा तब तक जारी रहेगी जब तक दोनों कुत्ते ठीक नहीं हो जाते।

