



रिपोर्टर ,अतुल अग्रवाल
कर्फ्यूग्रस्त इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती
कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी रोकने के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा 22 मार्च को एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया था जिसके पश्चात कोरोना वायरस से बचाव के लिए शोशल डिस्टेन्स बनाये रखने के उद्देश्य से 23 मार्च को देश मे लॉक डाउन और धारा 144 लागू कर दी गई अति आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए जनता को राहत दी गई जिसके मद्देनजर सुबह 7:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आवश्यक वस्तु खरीदने हेतु कर्फ्यू में ढील दी गई लेकिन जनता ने शोशल डिस्टेंस को धता बताकर नहीं किया नियमों का पालन और साथ ही आम जनता धारा 144 के दौरान के बेवजह घरों से बाहर निकल ,सड़कों पर जो कि सोशल डिस्टेंस के लिए उचित नहीं था एवम देश भर में परिवहन सेवायें पूर्णयता प्रतिबन्धित कर दी गई लेकिन दूसरे राज्यों और शहरों से यातायात के साधन न मिलने पर अपने घरों तक पहुंचने के लिए कई लोग कई सौ किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंचने के लिए निकल पड़े जिसको देखते हुए भारत सरकार और प्रदेश सरकारों के द्वारा अपने राज्यों के जिले की सीमा को सील कर दिया गया इसके बावजूद भी जो लोग महानगरों बेंगलुरु , महारास्ट्र , पूना , हरियाणा , दिल्ली एवं अन्य राज्यों में कार्य करते थे

कारोबार बंद होने के कारण अपने घरों तक पहुंचना चाहते थे लेकिन सरकार एवं शासन प्रशासन के द्वारा किसी भी शहर में पहुंचे व्यक्तियों को मेडिकल जांच के उपरांत संक्रमित के लक्षण पाये जाने की स्तिथि में कोरोनटाइन करने के लिये हॉस्पिटल ेव अन्य स्थानों में 14 दिनों के लिये ईलाज और देखभाल के लिये मेडिकल दृस्टि से डॉक्टरों की निगरानी में रखना अनिवार्य था प्रदेश में काफी हद तक इस संक्रमण को रोकने में कामयाबी मिली एवं शासन-प्रशासन सफल रहा वहीं मेडिकल टीमों के द्वारा दिन रात अपनी सेवाएं जारी रख जनता में संक्रमण वायरस रोकने में सफल रहा लेकिन कुछ जगह मेडिकल जांच एवं कोरोनटाइन को लेकर विरोध करने पर लॉ एंड ऑर्डर के तहत कर्फ्यू लगाया गया लॉ एंड ऑर्डर के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए RAF को तैनात किया आज शहर में कई मुख्य चौराहो ,ताज चौराहा , लाइन नंबर 17 , उजाला नगर , मंडी बायपास , शनि बाजार कई सथानो पर रैपिड एक्शन फ़ोर्स के जवानो जिसमे पुरुषो एवम महिला सुरक्षा कर्मियों को मुस्तैदी के साथ देखा गया
