


रिपोर्टर शादाब अली

पेट्रोल डीज़ल के बढ़ते रेट के विरोध में आज बहेड़ी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोटर साईकिल पैदल खीचते हुए किया वीरोध प्रदर्शन…
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव श्री अजय शुक्ला जी के नेतृत्व विरोध प्रदर्शन करते हुये महोदय एस डी एम बहेड़ी को ज्ञापन दिया और इस मौके पर श्री अजय शुक्ला जी ने कहा किसानों की बुबाई चल रही है किसानों का उत्पीड़न न किया जा रहा है भारी कीमतों की बजह से अधिक मात्रा में किसानों की बुबाई अभी नही हो पाई है और जनता परेशान है आज कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी सरकार ने भारी कर लगाकर पेट्रोल डीजल पर जो रेट बढ़ाया है इस कर को कम किया जाये जिससे जनता को सुकून मिल सके और किसान बुबाई कर सके इस मौके पर एन एस यु आई के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर पारश शुक्ला ने कहा मई , 2014 में ( जब भाजपा ने सत्ता सभाली थी ) , पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रु . प्रति लीटर एवं डीजल पर 3.48 रु . प्रति लीटर था । पिछले छ सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 23.78 रु . प्रति लीटर एवं डीजल पर 2837 रु . प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी कर दी है । चौंकाने वाली बात है कि पिछले छ सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीजल के उत्पाद शुल्क में 820 प्रतिशत तथा पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 258 प्रतिशत की वृद्धि की गई ।वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेश पंडित जी ने कहामार्च , 2020 को पेट्रोल व डीजल के मूल्य में 3 रु . प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई । 5 मई , 2020 को मोदी सरकार ने डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 13 रु . प्रति लीटर और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रु . प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की । 1 जून , 2020 से लेकर 24 जून 2020 तक निष्ठुर मोदी सरकार ने 18 दिनों तक पेट्रोल डीजल के मूल्य लगातार बढ़ाए , जिससे डीजल का मूल्य 10.48 रु . प्रति लीटर एवं पेट्रोल का मूल्य 8.50 रु प्रति लीटर बढ़ गया ।नितेश पंडित ने कहा तीन माह पहले लाक डाऊन लगाए जाने के बाद पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क को बार – बार बढाकर तो मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की सभी हदें पार कर दी गई । नगर अध्यक्ष अयाज़ खान ने कहा केवल पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बार – बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने पिछले छः सालों में 18.00,000 करोड़ जमा कर लिए इस मौके पर सैयद फरहान अली ताकि खान हर्रित गंगवार दिलीप गंगवार इमरान खान अमीर खान आदि लोग मौजूद रहे।
