


रिपोर्टर संजय गुप्ता

कुमाँऊ क्षेत्र में बसों के संचालन न होने से 10 हज़ार परिवारों का रोजगार संकट में
हल्द्वानी :- मे कुमाऊँ मोटर्स ऑनर्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष सुरेश सिंह डसीला के द्वारा बताया गया कि कोविड 19 के चलते 22 मार्च 2020 से बसों का संचालन पूर्णता प्रतिबंधित किया गया है जिसके चलते वाहन स्वामियों के सामने भारी संकट गहरा गया है कई वाहन स्वामियों की बसें बैंकों द्वारा फाइनेंस कराई गई है बसों के संचालन बंद होने के कारण वाहन स्वामी द्वारा गाड़ी की किस्त देने में काफी दिक्कतें सामने आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ड्राइवर लाइसेंस, फिटनेस ,रोड टैक्स इंश्योरेंस, इत्यादि का खर्चा भी वाहन करना पड़ा है वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा एक गाइडलाइन के अनुसार कर्मचारियों का वेतन देना भी वाहन स्वामियों को अनिवार्य रूप से लागू किया गया है लेकिन आज कुमाऊं मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की आर्थिक स्थिति ध्वस्त हो चुकी है उन्होंने बताया कि 1939 में स्थापित कुमाऊं मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड आज बंदी के कगार पर खड़ा है वहीं दूसरी ओर बसों का संचालन न होने से यहां से ढाई सौ किलोमीटर दूर छोटे-छोटे रोजगार जैसे चाय की दुकान जलपान गृह मिष्ठान भंडार के कारोबारी जिनका रोजगार बसों के संचालन होने से चलता था बसों के संचालन बंद होने के कारण लगभग 10 हज़ार परिवारों के सामने रोजगार का संकट गहरा गया है उत्तराखंड परिवहन महासंघ के महासचिव ने बताया कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा अभी तक कुमाँऊ मोटर्स ऑनर्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए सरकार द्वारा कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है वहीं दूसरी ओर डसीला जी का कहना है कि सरकार द्वारा यात्रियों से डबल किराया लिये जाने की बात समाचार पत्रों के माध्यम से हमको मालूम पड़ी है जब सरकार ही स्वयं बसों का संचालन बंद करवा रही है परिवहन विभाग किस बात का टैक्स वह भी पेनल्टी के साथ जमा करने के लिए बाध्य कर रहा है हमारी सरकार से यही मांग है कि प्रत्येक वाहन स्वामी को कम से कम दो लाख का लोन ब्याज रहित देने की व्यवस्था की जाए जिससे वाहन स्वामी अपनी आर्थिक स्थिति को संभाल कर बसों का संचालन कर सकें हमारे राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पहाड़ों में मानसून की बारिश प्रारंभ हो चुकी है सड़के मलबा आने के कारण आए दिन बंद हो जाती हैं वही डसीला जी का कहना है कि तीन महीने से खड़े वाहन यदि संचालन करने के लिए सड़कों पर लाए जाते हैं तो सबसे पहले कम से कम एक लाख रुपया बसों मेंटेनेंस रखरखाव और अन्य जरूरतों के लिए चाहिए आज वाहन स्वामी की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण यह इस खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है इसलिए सरकार से मांग की जाती है कि प्रत्येक वाहन स्वामी को कम से कम 2 लाख का लोन ब्याज मुक्त बैंकों से दिलाने की व्यवस्था की जाए जिससे बसों का संचालन पूर्णता प्रारंभ किया जाए और साथ ही यात्रियों को सुविधा भी मुहैया कराए जाए जिससे वाहन स्वामियों के द्वारा पूर्व की भाँति बसों का संचालन किया जा सके
