



रिपोर्टर अतुल अगरवाल
कोचिंग से वापस आये लगभग 360 छात्र
उत्तराखंड राज्य के कई जिलों से आईआईटी कोचिंग कोर्स करने कोटा राजस्थान के इंसिट्यूस्ट्स में इंजीयरिंग एवम अन्य कोर्सेस की पढ़ाई करने गए छात्र एवं छात्राये महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर भारत सरकार के द्वारा एक दिवसीय जनता कर्फ्यू 22 मार्च को संपूर्ण भारत में अपील की गई थी अपील को देखते हुए भारत की जनता ने अपना पूर्ण समर्थन देकर कामयाब बनाया 23 मार्च से भारत सरकार के द्वारा देश लॉकडाउन और धारा 144 लागू कर दी गई थी एवं देश के प्रधानमंत्री के द्वारा अपील की गई थी जो व्यक्ति जहां हैं वहीं रहे अपने घरों से बाहर भी ना निकले और साथ ही देश की यातायात व्यवस्था ट्रेनें निलंबित कर दी गई थी जिसके कारण लाखों लोग जहां थे वहीं रहने को मजबूर हो गए साथ ही ऐसे छात्र ,छात्राये भी थे जो विभिन्न कोर्सेस करने दूसरे शहरों में गए हुए थे

भारत सरकार के द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण रोकने की दिशा में शोशल डिस्टेंस के उद्देश्य से लोक डाउन की समय अवधि निरंतर बढ़ती गई वहीं दूसरी ओर भारत सरकार के द्वारा वायरस संक्रमण ना फैले इस दिशा में सारे सरकारी संस्थान कॉलेज और स्कूल बंद कर दिए गए जिसके कारण इंसिट्यूस्ट्स में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं दूसरे शहरों में ही रहने को हुए मजबूर काफी लंबे समय अवधि के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा उत्तर प्रदेश परिवहन की बसें कोटा राजस्थान से ऐसे छात्र-छात्राओं को लेने के लिए भेजी गई ,उत्तर प्रदेश के द्वारा भेजी गई बसों में लगभग 18 बसे उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जिलों के लगभग 360 छात्र छात्राओं को लेकर आज हल्द्वानी के विंटेज लोन रामपुर रोड हल्द्वानी में पहुंची जहां पर शासन प्रशासन द्वारा कोटा से आए छात्रों को रोका गया मेडिकल टीम के द्वारा हल्द्वानी पहुंचे छात्र-छात्राओं के स्कैनिंग की गई और साथ ही मेडिकल जांच के पश्चात छात्र छात्राओं की एक सूची बनाकर ये ज्ञात किया जाएगा कितने छात्र ,छात्राये कौन से जिलों के है
एवम उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से विभिन्न शहरों के छात्र छात्राओं को भेजा उनके घरों तक भेज दिया जायेगा जैसे देहरादून ,हरिद्वार ,अल्मोड़ा रानीखेत, नैनीताल ,बागेश्वर रुद्रपुर, काशीपुर,एवम कुछ छात्र छात्राये संभवत हल्द्धानी के भी हो सकते हैं
इन सभी छात्र ,छात्राओं को अपने घर पहुँचने के पश्चात 14 दिन अपने को स्वत् घर मे ही कोरानटाइन के लिये रहना अनिवार्य होगा जिनकी मेडिकल जांच निरन्तर की जायेगी
