मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी। भले ही दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण ने भले ही उत्तराखंड में देर से दस्तक दी हो, लेकिन अब फिर से ये तेजी से अपना दायरा फैलाता जा रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक साल पहले यहां उत्तराखंड में इस महामारी का इक्का दुक्का ही मरीज मिल रहे थे लेकिन फिर से कोरोना ने उत्तराखंड में तेजी के साथ दस्तक दी है
कालाढूंगी में अगर लोग नही सुधरे तो कांटेंनमेंनजोन में कब प्रवेश कर जाए कहा नही जा सकता ।ऐसे में सभी को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। सभी अपने को कोरोना वारियर समझें। हालात बदलने में देर नहीं लगती। पिछले बर्ष रेड जोन में आने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था अगर फिरसे यही हालात रहे तो लोगो को फिर एक बार कांटेंनमेंनजोन में रहना पड़ सकता है और आम जनजीवन प्रभावित होगा।
कालाढूंगी को बचाने के लिए ये करने होेंगे उपाय
- सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से करना होगा पालन
- आवश्यक रूप से चेहरे पर लगाना होगा मास्क
- अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलें
- कोरोना वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हों या बीमारी के लक्षण हों तो तत्काल प्रशासन को इसकी सूचना दें, ताकि जांच हो जाए
- आसपास कोई भी संदिग्ध मरीज मिले तो इसकी भी सूचना दें
- घर में एकांतवास में रह रहे हों तो बाहर न निकलें और न ही किसी को घर में प्रवेश करने दें
- ऐसे लोगों की पड़ोसी भी जिम्मेदार नागरिक बनकर निगरानी करें