गुरु गोविंद सिंह के 354 वे प्रकाश पर्व में कीर्तनों से गूजा गुरुद्वारा
संवाददता समी आलम
हल्द्वानी साहिब श्री गुर गोबिन्द सिंघ जी के 354 वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में विगत कई दिनों से चल रहे कार्यक्रमों के क्रम में आज दिनांक 20.1.21 को गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा मे कीर्तन दरबार गुरमत समागम का आयोजन किया गया। क्रोना बीमारी को मुख्य रखते हुये गुरपुरब बहुत सीमित दायरे में मनाया गया। प्रातः 8 बजे मुख्य ग्रंथी सरदार अमरीक सिंघ जी ने अखंड पाठ साहिब जी की सम्पूर्णता करी।समूह संगत ने भाई साहिब के साथ पाठ करा उपरन्त कमेटी की तरफ से जिस परिवार ने पाठ की सेवा कराई उन्हें सन्मान चिन्ह दे कर सन्मानित किया।उपरन्त 9 बजे भाई जसपाल सिंघ के जत्थे ने शबद का गायन कर संगत को निहाल किया।रुद्रपुर से आए प्रचारक ज्ञानी करमजीत सिंघ ने गुरु साहिब के जीवन से जुड़े वर्तान्त बताए और कहा कि गुरु जी ने अपना सारा जीवन मानवता की भलाई, परोपकार के साथ समाज को किसी भी तरह के डर से न जीने की बात बताई। गुरु साहिब ने सभी के मन मे अपने अपने धर्म मे पके रहने का और स्वतंत्रता से जीने का साहस जगाया।गुरु साहिब का इस बात को सच साबित करा की चिड़यो से में बाज़ लड़ाउ,सवा लाख से एक लड़ाउ , तभी गोबिन्द सिंघ नाम कहलाऊँ गुरु जी ने जात पात, धर्म एवं ऊँच नीच के दिखावटी बंधन को तोड़ कर एक ईश्वर की उपासना करने का संदेश दिया । उन्होंने कहा की मानस की जात सभै ऐकै पहचनबो गुरु साहिब ने जितनी जंगे लड़ी वह किसी पैसा,जायदाद की लिए नही अपितु मानव अधिकार,हकूमत के जबरन धर्म परिवर्तन व जुल्म के खिलाफ लड़ी।गुरु साहिब किसी भी धर्म के खिलाफ नही थे वह तो बुराई, अत्याचार के खिलाफ थे।सिख धर्म मानवता का धर्म है जहाँ गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाएं आपस मे प्यार ,सदभाव रहना सिखाती है वही यह बात भी गुरु साहिब ने कही है कि अगर अत्याचारी बातो से न समझे और सारे पर्यतन असफल हो जाये तो धर्म एवं मजलूम की रक्षा हेतु शस्त्र उठाना सही है।गुरु साहिब की शिक्षाओं के चलते सिख पंथ हमेशा ही मानवता के भले के लिए तत्पर रहता है चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में दैविय आपदा हो या अन्य कोई समस्या। हर सिख उस प्रभु के आगे दोनों वक्त सुबह शाम अरदास में ये बोल बोलता है”
नानक नाम चढ़दी कला,तेरे भाने सरबत दा भला। किच्छा से आए भाई गुरदेव सिंघ एवं साथियों ने ऐसे गुर को बल बल जाईये , सतगुरु की सेवा सफल है जे को करे चित लाए एवं वह प्रगट्यो पुरख भगवंतरूप,गुर गोबिन्द सूरा आदि शबदों का गायन कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री जगजीत सिंघ एवं स्टेज सेकेट्री जसवंत सिंघ सलुजा ने किया।अध्यक्ष सरदार रणजीत सिंघ ने गुरु साहिब के दर्शन करने एवं संगत को बधाई देने जो गणमान्य आये उन सभी का एवं सहयोगी संस्थाओं,सभी गुरपुरब में सेवा करने वाले सेवादारो का आभार प्रकट किया।अंत में गुरद्वारा साहिब के कीर्तनये भाई गुरदास सिंघ जी ने शब्द व आनंद साहिब पढ़ के एवं वजीर भाई अमरीक सिंघ जी ने अरदास करके कार्यक्रम का समापन जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल जयघोष के साथ किया।समूह संगत ने गुरु साहिब का धन्यवाद करा।शाम का दीवान 7 बजे से 10 बजे तक होगा। मुख्य आकर्षण महामंत्री जगजीत सिंघ ने बताया कि पिछले साल गुरुगोबिंद सिंघ जी गुरपुरब पर माननीय सांसद अजय भट्ट जी गुरु साहिब का आशीर्वाद लेने एवं संगत को गुरुपर्व की बधाई देने आए थे।प्रभंधन कमेटी ने उनसेआग्रह किया कि गुरद्वारा साहिब के बाहर मेन रोड के चौक का नाम गुरु साहिब के नाम पर रखवाये।उनोहने इस बात का विश्वास दिलवाया और उसके बाद हमारे दो कमेटी मेंबर एवं पार्षद नरेंद्र जीत सिंघ एवं रमनजीत सिंघ के प्रयासों के चलते आज उस चौक का नाम गुरु गोबिंद सिंघ चौक रखा गया।प्रभंधन कमेटी जहाँ अजय भट्ट जी का धन्यवाद करती है वही नगर निगम एवं मेयर जोगेन्दर सिंघ रौतेला जी का भी धन्यवाद करती है। उद्धघाटन में जहाँ विशेष रूप से बिजेंद्र चौहान,सहायक नगर आयुक्त पहुँचे वही निम्न पार्षद तन्मय रावत जी,राजेन्द्र अग्रवाल,महेश चंद्र,प्रमोद पंथ,मनोज जोशी,रवि जोशी,राजेन्द्र चीना, मोहम्मद तौफीक,जकिर हुसैन,रोमी वारसी,रोहित कुमार,बिपिन जोशी,मनोज गुप्ता,दिनेश अग्रवाल मौजूद रहे ।पूरे प्रोग्राम में सभी गुरद्वारा साहिब के मुख सेवादार,कमेटी मेंबर स.अमरजीत सिंघ, रविंदरपाल सिंघ ,तजिंदर सिंघ,बलविंदर सिंघ,एडवोकेट सनप्रीत सिंघ,हरजीत सिंघ सच्चर,अमनदीप सिंघ, परमजीत सिंघ पम्मा,परमजीत सिंघ शंटी ,हरप्रीत सिंघ,दलजीत सिंघ,सतपाल सिंघ,जसपाल सिंघ,मनप्रीत सिंघ,आदि मौजूद रहे।