


ब्यरो नई दिल्ली

सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल पूछ रहे हैं कि कि क्या इन ऐप पर बैन परमानेंट होगा या कुछ वक्त के लिए. हालांकि, सरकार ने इन ऐप से देश की रक्षा, सुरक्षा और निजता को खतरा बताया है, ऐसे में आगे क्या इनसे बैन हटाया जा सकता है ये अनुमान थोड़ा मुश्किल है. लेकिन मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर पिछले साल कुछ दिन के लिए टिकटॉक पर बैन लगाया गया था, लेकिन कोर्ट का आदेश हटते ही ऐप वापस आ गया था.सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में लोगों से इन ऐप्स को अनइंस्टॉल करने की अपील नहीं की गई है. जिन लोगों के मोबाइल पर ये ऐप्स इंस्टॉल्ड हैं, वे तब तक मौजूद रहेंगे जब वे उन्हें मैनुअली नहीं हटाएंगे. हालांकि,ऐप स्टोर से हट जाने के बाद वे अपने स्मार्टफ़ोन में इस्टॉल किए गए ऐप्स को अपडेट नहीं कर पाएंगे.
केंद्र सरकार ने 59 चाइनीज ऐप पर पाबंदी के गूगल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी संबंधित ऐप हटाने के निर्देश दे दिए हैं. इस बीच जानकारी ये भी आ रही है कि सरकार चीन को आगे भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर झटका दे सकती है.
गूगल प्ले-स्टोर और एपल ऐप स्टोर से TIKTOK गायब
केंद्र सरकार द्वारा बैन लगाने के 12 घंटे के भीतर भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एप टिकटोक गूगल प्ले-स्टोर और एपल के स्टोर से हटा दिया गया है. मंगलवार सुबह तक टिकटोक ऐप दोनों स्टोर्स पर मौजूद था मगर अब यह दिखाई नहीं दे रहा है.प्ले-स्टोर पर सर्च करने पर टिकटोक से मिलते जुलते कई नाम के ऐप्स नजर आ रहे हैं
चाइनीज ऐप बंद करने पर टिकटोक के भारत प्रमुख ने क्या कहा
भारत में चाइनीज ऐप बैन होने पर टिकटोक के भारत प्रमुख निखिल गांधी ने ट्विटर पर लिखा- आदेश हम मान रहे हैं. और साथ ही सरकारी एजेंसियों से भी मिल रहे हैं ताकि अपना जवाब और अपनी सफाई दे सकें. उन्होंने कहा है कि टिकटोक भारत के कानून का सम्मान करता है. और टिकटोक ने भारत के लोगों का डाटा न तो चीनी सरकार को और न ही किसी और देश की सरकार को भेजा है. अगर हमसे ऐसा करने को कहा भी जाता है, तो भी हम नहीं करेंगे. आगे कहा कि टिककोट ने इंटरनेट को और लोकतांत्रिक बनाया है. 14 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. और इस पर लाखों-करोड़ों लोग जिनमें कलाकार, किस्सागो, शिक्षक भी हैं .अपनी रोजी के लिए निर्भर हैं. कम्पनी का दावा है कि इनमें से बहुत सारे लोग पहली बार के इंटरनेट यूजर हैं
