


रिपोर्टर अतुल अग्रवाल

नैनीताल :- गुरूवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान नई दिल्ली एवं डाॅ आर0 एस0 टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के संयुक्त भागीदारी से जलवायु परिवर्तन, भूस्खलन और पहाड़ी क्षेत्र विकास विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गतिमान है। दूसरे दिन की कार्यशाला का उद्घाटन अकादमी निदेशक श्री राजीव रौतेला तथा अधिशासी निदेशक राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान मेजर जनरल श्री मनोज कुमार बिंदल ने संयुक्त रूप से किया। श्री रौतेला तथा श्री मनोज ने विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारणों, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, जलवायु परिवर्तन रोकने की आवश्यकता, भू-स्खलन से होने वाले नुकसान, भू-स्खलन रोकने की आवश्यकता तथा पर्वतीय क्षेत्रों में सुरक्षित विकास की दिशा में आने वाली कठिनाईयों एवं चुनौतियों के साथ ही अपेक्षित समाधन के बारे में विस्तार से अपने-अपने विचार रखे।
गुरूवार को आयोजित दूसरे दिन की कार्यशाला में श्री अनिल कठायत द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम, समिति संगठन एवं संस्थाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाॅ दी। डीडीजीएम भारीय मौसम विज्ञान विभाग डाॅ.आनन्द कुमार शर्मा ने मौसम पूर्वानुमान की आवश्यकता, मौसम पूर्वानुमान, मौसम पूर्वानुमान नीति एवं त्वरित प्रतिक्रिया विषय पर जानकारी दी। प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं जलसंरक्षणविद श्री राजेन्द्र सिंह चैहान ने विश्व में जल संरक्षण की आवश्यकता के साथ ही जल संरक्षण अभियान के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्राकृतिक संतुलन एवं सुरक्षित परिवेश के लिए जल एवं पौधों को संरक्षित करना होगा। एनआईडीएम के डाॅ.सूर्य प्रकाश ने भू-स्खलन प्रबन्धन से सम्बन्धित अपने अनुभव एवं जानकारियाॅ साझा की। द्वितीय दिवस के कार्यक्रम चार चरणों में आयोजित किये गये। कार्यक्रम में लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक नवनीत पाण्डे, समन्वयक डा0 ओमप्रकाश, डा0 मंजू पाण्डे, श्री अनिल कठायत, पूनम पाठक, गीता काण्डपाल, मीनू पाठक आदि उपस्थित रहे।
