परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने नारे लगाते हुए किया शहीदों को याद
परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने 23 मार्च भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु की शहादत दिवस पर प्रातः 5:00 बजे मुखानी चौराहे से पनचक्की चौराहे तक ‘भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की क्रांतिकारी विरासत अमर रहे। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु तुम जिंदा हो हम सब के अरमानों में’। आदि नारे लगाते हुए प्रभात फेरी निकाली। और श्रद्धांजलि सभा की गई। तत्पश्चात मोती राम बाबू राम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी में भगत सिंह के विचारों पर एक पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर पर्चा वितरित किया।
इस दौरान चली सभा में वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की शहादत को 90 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इतने वर्षों बाद भी इन शहीदों की याद आती है। इन शहीदों के बताए रास्ते समाजवादी भारत के निर्माण का काम अभी किया जाना बाकी है। इसलिए इनके समाज बदलाव के विचार आज भी प्रासंगिक है। भगत सिंह सरीखे क्रांतिकारियों के विचारों पर समाज को आज चलने की जरूरत है।
आजादी के इतने सालों बाद भी आज सभी के लिए शिक्षा के समान अवसर नहीं है। ना जाने कितने छात्रों को अपने पढ़ने के अरमानों का गला घोटना पड़ता है। ऐसे छात्र पढ़ाई से दूर मजदूरी करने को मजबूर हैं। इन हालातों को दूर करने के बजाए सरकार आज शिक्षा को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020’ जारी करके और महंगा कर रही है।
शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने का प्रारूप तैयार कर रही है। इसी तरह बेरोजगारी और भयानक स्तर को छू रही है। सरकारों को इन समस्याओं को दूर करना चाहिए। वह इन समस्याओं को दूर करना छोड़ कर के रोजगार मांगने वाले युवाओं को लाठी-डंडे देकर जेल में डाल रही है।
आज यूक्रेन में रूसी-अमेरिकी साम्राज्यवादी बमबारी हमले करके यूक्रेन को बर्बाद कर रहे हैं। यह साम्राज्यवादी अपने बाजार के प्रभुत्व के लिए यूक्रेन को अफगानिस्तान, सीरिया अन्य देशों की तरह बर्बाद कर देना चाहते हैं। भगत सिंह इन साम्राज्यवादी युद्धों के खिलाफ थे। भगत सिंह अपने दौर में इन साम्राज्यवादियों से संघर्ष करते हुए शहीद हुए, आज भी इन लुटेरे साम्राज्यवादियों से संघर्ष करने की जरूरत है।
राज्य केंद्र में बैठी भाजपा-मोदी सरकार दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले बढ़ा रही है। ऐसे में आज समाज के छात्रों-नौजवानों सहित मजदूरों, किसानों, महिलाओं, शोषित-पीड़ित, वर्गों-तबकों को भगत सिंह सरीखे क्रांतिकारियों के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। भगत सिंह के विचारों को आत्मसात करके इन विचारों पर चलकर ही हम अपने जीवन के तमाम समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।
इस दौरान कार्यक्रम में पछास से महेश, चंदन, उमेश पांडे, विपिन, अनुराग, आलिया, उमेश चंद्र, नीलम, आरती, नेहा क्रालोस से टी. आर. पांडे, मुकेश भंडारी, रियासत, मोहन मटियाली, नसीम, शेखर चंद्र प्रमएके से रजनी जोशी आदि लोग शामिल थे।