


ब्यूरो चीफ :- ज़हीर अंसारी

हल्द्वानी :– में शनिवार को लाइन न0 16 गफ़्फ़ारि मस्जिद के पींछे मोहम्मद अहसान सहायक अध्यापक की काफी समय से तबियत ख़राब चल रही थी जिनिकी अचानक तबियत ख़राब होने के वजह से से निजी अस्पताल ले गए मगर डॉक्टरों ने हालत बिगड़ती देख सुशीला तिवारी हॉस्पिटल रेफर कर दिया जहाँ इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन बाद में उनकी जांच में कोरोना पोजीटीव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया मोहम्मद अहसान लालकुआं में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण उनको डब्ल्यू एचओ की गाइड लाइन के अनुसार आज पांच लोगों ने (सुपुर दे खाक) अंतिम संस्कार कर दिया मोहम्मद अहसान विभागीय आदेशों का पालन करते हुए लॉक डाउन तथा अनलॉक व लालकुआं में कंटोनमेंट जोन (कोरोना हब) होने के कारण कोरोना की चपेट में आ गए। विभाग द्वारा शिक्षकों को न तो पी०पी०ई० किट उपलब्ध करायी जा रही है और न ही किसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जा रही है। जो कि शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर संदेह प्रकट करती है। शिक्षक संघों को विभाग से पूछना चाहिए कि शिक्षक की मौत का जिम्मेदार कौन है। स्वर्गीय मोहम्मद अहसान विगत 17 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवारत थे 2023 में वह सेवा निर्वित होने वाले थे स्वर्गीय अहसान हंसमुख स्वभाव के नेक दिल इंसान थे उन्होंने गत वर्ष हज की यात्रा भी की,शुगर की बीमारी के चलते वह अपनी सेवाएं सहायक उर्दू अध्यापक के रूप में दे रहे थे ।स्वर्गीय मोहम्मद अहसान की मौत से उनका परिवार और मित्रगण शिक्षा विभाग के साथी सभी दुखी हैं उनकी मौत की जिम्मेदार कौन होगा यह एक विचारणीय प्रश्न है । जिनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई ।
