


रिपोर्टर ,यूसुफ वारसी

हल्द्वानी इंदिरा नगर में बड़े रोड पर आपको हर रोज सुबह आते जाते पूरे रोड पर ठोकर से लेकर इंदिरा नगर बरसाती नहर तक आपको जगह-जगह कूड़े के ढेर दिखाई देंगे जिससे इस भयंकर कोरोना काल में भी डेंगू व मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी पैदा होने का खतरा बना हुआ है लोगों के द्वारा बताया गया कि हर रोज मेन रोड से अंदर गली में जो लोग रहते हैं वह लोग हर रोज सुबह सुबह रोड पर कभी किसी के दरवाजे के आगे तो कभी किसी के दरवाजे के आगे कूड़े के ढेर लगा देते हैं लोगों ने कहा कि बरसात का मौसम है उमस भरी गर्मी है एक तो पहले से ही हमारा देश भयंकर कोरोना काल से गुजर रहा है ऊपर से इस बरसात की गर्मी में लोग अपने घरों का कूड़ा सड़कों पर लाकर डाल जाते है जिससे बीमारी वाले मच्छर पैदा होंगे और मच्छर के काटने से लोग बीमार होंगे लोगों ने कहा जो लोग कूड़ा रोड पर डालते हैं
अगर उनको नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा समझाया जाए के इस कूड़े को आप लोग ऐसे रोड पर ना डालो और जब हमारे नगर निगम द्वारा हमारे निगम की गाड़ी आती है तो आप लोग कूड़े को सीधा गाड़ी में ही डालें मगर लोगों के द्वारा बताया गया कि नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा ही जगह-जगह कूड़े के ढेर लगवा दिए जाते हैं बाद में गाड़ी उन कूड़े के ढेरों को उठाकर ले जाती है इसमें लोगों की क्या गलती है अगर ऐसा ही है तो नगर निगम द्वारा जगह-जगह बड़े वाले hydraulic वाले कूड़ेदान लगवाने चाहिए ताकि गाड़ी आए और उसे उठाकर ले जाए दूसरी और बताया गया के ठोकर से नीचे जो एरिया दो ढाई सौ मीटर पुलिस द्वारा सील किया गया है सीलिंग वाले एरिया वाले लोग भी अपना कूड़ा बड़े रोड पर किसी ना किसी के दरवाजे के आगे बड़े-बड़े ढेर लगा जाते है
जिससे आपस में ही मोहल्ले के लोगों का झगड़ा होना व कूड़े से से बीमारी होने की संभावना बनी हुई है अगर ऐसा हुआ तो इसका जिम्मेदार सिर्फ नगर निगम ही होगा लोगों का कहना था कि जो एरिया सील किया गया है उसके लिए नगर निगम के द्वारा या तो ठोकर चौराहे पर कूड़े की गाड़ी खड़ी करवाई जाए या फिर बड़े रोड पर कहीं एक जगह कूड़े की गाड़ी खड़ी करवा दी जाए ताकि लोग अपना कूड़ा गाड़ी में ही डाल सकें लोगों का कहना था कि जानबूझकर हमारे क्षेत्र बनभूलपुरा में नगर निगम द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है वह इसलिए कि यहां पर गरीब तबके के लोग रहते हैं लोगों का कहना था कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हमारे क्षेत्र की समस्या को ना तो कोई सुनने वाला है और ना ही कोई देखना ही वाला है
