हल्द्वानी के रोडवेज चौराहे पर कुछ लोगों को बेजुबान लोगों को खाना खिलाते देखा मन के अंदर से एक सवाल जागा किया आज के दौर में ऐसे लोग भी है। जो बेजुबानो की फिक्र कर रहे है। उनको खाना खिलाने को परेशान है।कि कहीं कोई बेज़ुबान भूखा प्यासा ना रह जाए ।लॉक डाउन के चलते सब मार्किट बन्द पड़ी है। गली मोहल्लों में सन्नाटा पड़ा है। जिस बजह से बेज़ुबान जानवरो को खाना तक नही मिल पा रहा है।मगर आज भी इंसानियत जिंदा है।जिको आप साफ साफ फुटेज में देख सकते हैं।जहां आज कोई अपनीपड़ोसी को नहीं देख पा रहे है।लॉक डाउन के चलते लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं तो वहीं पर 2 युवा बेजुबानओ को खाना खिलाते देखे जा रहे हैं। ये दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया। तो ये सब देख कर मन के अंदर विचार आया की हर किसी के बस की बात नहीं होती है ये सब करना। ये गॉड गिफ्ट होता है। हम आपको बताते चलें बहुत सारे लोग दुनिया में होते हैं मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बेज़ुबानों के लिए सोचते हैं । गगनदीप सिंह कोहली के हौसले को देख कर हमारा कॉर्बेट बुलेटिन न्यूज़ परिवार इनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता है। पूछा गया कि बेजुबान जानवरों के बारे में आप इतना कैसे सोचते हैं तो उन्होंने हमारे चैनल को बताया । बेजुबान ओं के लिए इसी तरीके की सेवा जब तक मुझसे बन पाएगा मैं करता रहूंगा ।गगनदीप सिंह कोहली रामपुर रोड गली नंबर 9 के रहने वाले हैं।ओर ये 2015 से बेजुबान जानवरों की सेवा करने में लगे हैं ।अगर बात करें इंसान की तो आज के दौर में इतना अपने लिए या पड़ोसी के लिए नहीं सोच पाते हैं यह आज जानवरों के लिए सोच रहे हैं
। यह बहुत बड़ी बात है।इन जैसे लोग जो समाज में लॉक डाउन के चलते बेज़ुबानों के लिए इतना कुछ बिना लालच के कर रहें है।और राजनीतिक दल और जो बहुत सारी चीजें हैं वह अपने संगठनों के लिए अपने नाम के लिए बहुत सारी चीजें करते हुए सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं। मगर इनकी बात करी जाए तो ना तो इनका कोई संगठन है । ना ही कोई संस्था जिस के लालच में यह काम करें । ये बिना किसी लालच के सिर्फ और सिर्फ बेजुबानो की सेवा में लगे हैं ।
कि भगवान इसका बदला देगा।यह बिना लालच के बेजुबान जानवरों के बारे में सोच रहे हैं । अन्य संगठनों को इनसे सीख लेनी चाहिए आप देख रहे हैं । हल्द्वानी से चीफ एडिटर मोहम्मद जाकिर अंसारी की विशेष रिपोर्ट ऐसी ही अनोखी खबरों के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी नमस्कार