


रिपोर्टर अतुल अग्रवाल

हल्द्वानी में मानसून से पूर्व शहर के नाले पटे पड़े हैं गन्दगी से जिसके कारण हल्की सी बारिश पड़ते ही नालों का पानी घरों में आने से शहर की जनता होती है बेहाल पिछले वर्ष से ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करने या शहर से पानी निकासी की नगर निगम के द्वारा कोई भी कार्य योजना नहीं बनाई गई है
शहर के बीचो बीच एक गुजरते हुए 8 बड़े नालों की सफाई का दावा किया जा रहा है इससे पूर्व भी नालों की सफाई का ठेका एक कंपनी को दिया गया था उसके बावजूद भी शहर के नालों की सफाई का कार्य पूर्ण नहीं किया गया था कार्य की गति कछुआ चाल से होने के कारण नहीं हो पाई थी शहर के नालों की सफाई इधर नगर निगम बड़े-बड़े दावे कर रहा है कि मानसून आने से पूर्व भी शहर के नालों और नालियों की सफाई कर दी जाएगी सवाल यह कि इतने बड़े शहर में क्या मानसून से पूर्व नालों की सफाई करना मुमकिन है एक तरफ नगर निगम ठेकेदार को बजट देने के लिए पैसा ना होने की बात करता है वहीं दूसरी ओर नालों की सफाई का कार्य जनता के दबाव को देखते हुए काम रुकवा दिया जाता है हालात यह है कि जिन वार्डो से होकर नाला गुजरता है वहीं वार्ड के पार्षद नालों की सफाई की ओर अपना ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं सवाल यह पैदा होता है कि जिन वार्डों से होकर नाला गुजरता है क्या और वार्ड के पार्षदों को आगे नहीं आना चाहिए नगर निगम पर दबाव बनाकर अपने क्षेत्र से गुजरने वाले नालों की सफाई नहीं करवानी चाहिए जिससे कि आने वाले मानसून में वार्ड की जनता को राहत मिले वहीं दूसरी ओर डेंगू मलेरिया बीमारियों से बचाव हो सके ज्ञात रहे पिछले वर्ष डेंगू महामारी का प्रकोप काफी अधिक बढ़ गया था जिसकी वजह से कई लोगों की जानें चली गई थी क्या इस बार मानसून से पूर्व शहर के नालों एवं नालियों की सफाई कराई जाएगी क्या महामारी से रोकने के लिए वार्डो में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कराया जाएगा क्या इस महामारी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उठाया जाएगा नालों की हालत देखते हुए नगर निगम के कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है आज भी कई नाले गंदगी से पटे पड़े हैं जिसकी और शायद नगर निगम का ध्यान अभी नहीं गया है वहीं दूसरी ओर शहर में तेज बारिश होने के बाद हाईवे रोड पर बहता है तेज गति से पानी सड़कें बन जाती है तालाब ड्रेनेज व्यवस्था नहीं है कब सुधरेंगे शहर के हालात।
