



संपादक मुस्तज़र फारूकी कॉर्बेट बुलेटिन
कालाढूंगी लॉकडाउन के चलते अलविदा जुमे की नमाज मुस्लिम समुदाय के लोगो ने अपने घरों में अदा की गई । मस्जिदों में जुमे की नमाज में सिर्फ चार से पांच लोग ही ने ही अदा की। बाकी लोग अपने घरों में जुमे के बजाए जोहर की नमाज अदा की गई। मोती मस्जिद के इमाम फिरासत अली ने कहा कि रमजान उल मुबारक का आखिरी जुमा अब हमसे रुखसत हो गया है जो अपने दामन में अनमोल मोती समेट चुका है जो हमारी इबादत की शक्ल में किया है।
हमें उम्मीद है कि इस महीने में हमने खोया कुछ नहीं पाया बहुत कुछ है, जो पाया है उसी को नेमत कहते हैं। इस इनाम का नाम ईद है। बताते चलें कि पिछले दिनों उलेमाओ ने लॉकडाउन के मद्देनजर अलविदा जुमा और ईद की नमाज घरों में पढ़ने की अपील की है। ईद के अब केवल 2 दिन ही बाकी रह गए हैं। शनिवार को चांद रात हो सकती है। लोगों ने घरों में त्यौहार मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। विशेष पकवानों के सामग्री की खरीदारी भी शुरू हो गई है। नगर की तीनों मस्जिदों के बाहर पुलिस भी मुस्तेद दिखी और लोगों से ईद के त्यौहार को घर मे रहकर ही मानने की अपील की गई।

