हर साल की तरह इस साल बाबू रमजान पार्टी रोजेदारों की खिदमत नही कर पायेगी है देश व दुनिया में कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है जिसे हमें मिलकर लड़ना पड़ेगा इसलिए लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है जिस वजह से पार्टी को नहीं चलाने का फैसला किया गया।
रमजान का मुकद्दस महीना शुरू हो चुका है इस माह में हर साल रोजेदारों की सेवा में बाबू रमजान पार्टी 1956 से अपनी खिदमत को अंजाम देती आ रही थी आधी रात में सन्नाटे को चीरते हुए लाउडस्पीकर की आवाज कानों में पड़ते ही रोजेदार जाग उठते थे और रोजेदारों को रमजान का चांद देखने के बाद पूरे महीने रोजेदारों को उठाने के लिए पूरे बनभूलपुरा के अंदर घूमा करती थी। पहले ही दिन से बाबू रमजान पार्टी के सदस्य पूरे 30 दिन रोजेदारों की सेवा में जुटी रहती थी जब आखरी असरे में बाबू रमजान पार्टी के सदस्य अपना कलाम पढ़ते हुए लोगों के घरों के आगे से निकला करते थे लो सलाम आखरी अब तो जाते हैं जिंदगी रही तो अगले साल आएंगे तो लोगों की आंखों में आंसू आ जाया करते थे
इस साल लोग सिर्फ बाबू रमजान पार्टी का इंतजार ही करते रह गए
रोजाना 4 किलोमीटर पैदल चलते थे सदस्य
बनभूलपुरा इलाके में पिछले 64 सालों से बाबू रमजान पार्टी रमजान के मुबारक महीने में रोजेदारों को रोजा रखने के लिए प्रोत्साहित करती आ रही थी साथ ही शहरी में पूरे महीने उठाने का काम करती थी गली गली में घूमकर बनभूलपुरा इंदिरानगर ताज चौराहे तक लगभग 4 किलोमीटर का सफर पूरा करती थी रिक्शे पर लाउडस्पीकर रखकर रोजेदारों को शहरी का समय बताया जाता था जिससे सही समय पर रोजेदार शेरी किया करते थे
1956 में बनाई गई थी बाबू रमजान पार्टी
हल्द्वानी शहर में वह अकेली ऐसी तहजीब संस्कृति है जो आज भी पुराने जमाने की याद दिलाती थी जबकि आज सेहरी के दौरान सही समय पर जगाने के लिए बहुत से साधन मौजूद हैं लेकिन आज भी बाबू रमजान पार्टी की प्रसंगिकता बनी हुई है लोग बाबू रमजान पार्टी की आवाज सुनकर घर से निकल जाया करते थे 1956 में बाबू रूपर्ट पेंटर और उनके दोस्त जलील अहमद ने इस पार्टी को बनाया था अब इस समय इस बाबू रमजान पार्टी की कमान पूर्व पार्षद नसीम अहमद ने संभाल रखी है इन्हीं की अध्यक्षता में बाबू रमजान पार्टी चला करती थी
रमजान के पकवानों से कराते हैं दावत
बाबूराम जान पार्टी के अध्यक्ष पूर्व पार्षद नसीम अहमद बताते हैं कि रमजान के दिनों में इंदिरा नगर मोहम्मदी चौक से शहरी के लोगों को जगाने का काम शुरू होता था रोजेदारों को उठाने के लिए पार्टी की हौसला अफजाई के लिए लोग रमजान में पकवानों से दावत किया करते थे उन्होंने बताया की इस पार्टी के साथ पार्टी के अतीक अहमद, नाजिम हुसैन, शाहनवाज मलिक, भूरे खां, बब्बू अंसारी, समीर, आसिफ गफारी, रिजवान, इरफान, रमजान पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चला करते थे