


शाशन प्रशासन नही ले रहा सुध ठेले फड़ व्यवसाइयों का हो रहा उत्पीड़न
रिपोर्टर अतुल अग्रवाल
हल्द्वानी महामारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार के द्वारा 22 मार्च 2020 से लॉक डाउन और धारा 144 लागू कर दी गई थी सरकार के द्वारा लॉक डाउन लगाए जाने के बाद देश ,प्रदेश और शहर में बड़े एवं छोटे कारोबार पूर्णता प्रतिबंधित कर दिए गए थे पिछले 60 दिनों से लगभग सभी रोजगार पूर्णता बंद थे ऐसी स्थिति में अमीर हो या गरीब व्यक्ति सभी के सामने कारोबार को लेकर एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी थी

वहीं दूसरी ओर सभी कारोबार बंद होने के कारण सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नहीं मिल पा रहा था जिस को मद्देनजर रखते हुए सरकार के द्वारा 3 मई 2020 को आदेश पारित किए गए राजस्व की हानि को पूरा करने के लिए प्रदेश में शराब की दुकानें एवं खनन कार्य प्रारंभ किया जाए जिससे प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके वहीं दूसरी ओर छोटे एवं मध्यम व्यवसायियों के लिए कोई राहत नहीं दी गई इसको लेकर व्यापारियों के द्वारा जिला अधिकारी महोदय, सिटी मजिस्ट्रेट ,एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुखिया एक ज्ञापन सौंपा गया
जिसमें छोटे एवं मध्यम वर्गीय व्यापारियों को भी अपने व्यवसाय खोलने की अनुमति हेतु बात कही गई प्रदेश सरकार के द्वारा कुछ व्यवसाय को खोलने के लिए सुबह 7:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक अनुमति दी गई सरकार द्वारा यह आदेश भी पारित किए गए की होटल रेस्टोरेंट एवं मिष्ठान भंडार खोले जाएंगे सोशल डिस्टेंस के मध्य नजर कोई भी रेस्टोरेंट या मिष्ठान भंडार वाला अपने प्रतिष्ठानों में अत्यधिक भीड़ एकत्र नहीं करेगा एवं साथी पैकिंग व्यवस्था होम डिलीवरी के द्वारा अपना व्यवसाय चलाएगा लेकिन वहीं दूसरी ओर एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है शहर में हजारों ऐसे ठेले वाले कारोबारी हैं जो प्रतिदिन कमाते हैं और उसी से अपनी आजीविका चलाते हैं जैसे राजमा चावल , चाऊमीन, चाट,आइस्क्रीम, समोसे, शिकंजी जलजीरा,वाले ठेले के अन्य कई प्रकार के खाद्य पदार्थ यह ठेले रोडवेज, वाले व्यवसाय कर कर अपनी आजीविका चलाते हैं यह इतने सक्षम नहीं होते कि 1 दिन कमाए आज 4 दिन घर पर बैठकर खाएं सरकार के द्वारा यह छोटे कारोबारी ठेले फड़ बालों के लिए कोई भी गाइडलाइन या सुविधा प्रदान नहीं की गई इनका कहना है जिस प्रकार सरकार एवं शासन प्रशासन के द्वारा मिष्ठान भंडार व अन्य दुकानों को पैकिंग सुविधा दी गई है शासन प्रशासन के द्वारा हमको ऐसी कोई भी सुविधा उपलब्ध कराई जाये, क्या ठेले फड़ वालों का यह कसूर है कि वह गरीब व्यक्ति है धनाढ्य लोगों के लिए नियम कानून शहर में अलग है और गरीब व्यक्ति के लिए नियम कानून अलग क्यों,
क्या ठेले फड़ वालों को अपनी आजीविका चलाने या अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कारोबार करने का कोई अधिकार नहीं क्या सारी बीमारियां सारे संक्रमण क्या ठेले फड़ वालो के वजह से ही महामारी फैलने का खतरा है ठेले फड़ वालो का कहना है कि मिष्ठान भंडार एवं कनफैक्सरियो वालों के द्वारा केक पेस्ट्री अन्य पेय पदार्थ बेचे जा रहे हैं तो क्या ठेले फड़ वालों को पैकिंग करके अपने खाद्य पदार्थ बेचने की अनुमति शासन प्रशासन द्वारा क्यों नहीं दी जा रही कई स्थानों पर देखा गया है कि लस्सी व अन्य पेय पदार्थ पैकिंग व्यवस्था के द्वारा बेची जा रही है ठेले फड़ वालो की मांग है कि शासन प्रशासन द्वारा हमको भी पैकिंग व्यवस्था बेचने की अनुमति दी जाए ठेला फड़ पदाधिकारियों का कहना है कि हम लगातार जिला अधिकारी महोदय सिटी मजिस्ट्रेट महोदय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी कोई भी अधिकारी हमारी बात नहीं सुन रहा है यदि यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं है कि ठेले फड़ वालो के सामने भुखमरी की नौबत खड़ी हो उनका कहना है कि हम शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि हमको अपने खाद्य पदार्थ बेचने के लिए बैंकिंग व्यवस्था की सुविधा की अनुमति दी जाए नहीं तो आने वाले दिनों में ठेले फड़ वालों के सामने भुखमरी की नौबत विकराल रूप ले सकती है
