अल्मोड़ा सरकारी चिकित्सालय में कोरोना टेस्ट करवाने गये युवाओ को बनाया बन्धक
रिपोर्टर अतुल अग्रवाल हल्द्वानी
प्राप्त सूत्रों के अनुसार आज अल्मोड़ा सरकारी चिकित्सालय में किसी कंपनी में कार्यरत युवाओं को दोपहर 3:00 बजे कोरोना टेस्टिंग के लिए बुलाया गया जिसके बाद शाम लगभग 5:30 बजे युवाओं के सैंपल लिए गए रात्रि के 9:30 बजने को है सभी युवाओं को दूसरी मंजिल पर बंधक बनाकर रखा गया है
वहीं दूसरी ओर हमारे कॉर्बेट बुलेटिन के पत्रकार के द्वारा हल्द्वानी सीएमओ बनकोटी जी से इस विषय पर फोन पर वार्ता की गई डॉ गड़कोटी PMS जी का कहना है कि रात को युवा अपने घर जा सकते हैं लेकिन कहीं घर से बाहर नहीं घूमेंगे एवं कल प्रातः 10:00 बजे के बाद चिकित्सालय पहुंचकर अपनी रिपोर्ट अवश्य ले पत्रकार के द्वारा जब बनकोटी जी से कहा गया कि युवाओं को बंधक बना रखा है और वहां अल्मोड़ा हॉस्पिटल के स्टाफ वाले उनको घर नहीं जाने दे रहे तब डॉ गड़कोटी PMS जी के द्वारा अल्मोड़ा सरकारी चिकित्सालय में फोन से वार्ता कर युवाओं को घर जाने के लिए बोला गया लेकिन वहां तैनात स्टाफ वालों का कहना है कि हम किसी की बात को नहीं सुनते हम कोई आदेश नहीं मानते हम कोई फोन नहीं सुनते और आप लोग बैठे है जब अनाउंस होगा तभी आप अपने अपने घर जा सकते हैं सबसे बड़ी विडंबना यह है कि दोपहर 3:00 बजे से लगभग सात युवक भूखे प्यासे बैठे हैं ना ही तो कोई खाने की व्यवस्था है ना ही उनको घर जाने दिया जा रहा है
जबकि डॉ गड़कोटी PMS जी के द्वारा स्पष्ट पत्रकार से कहा गया है की ऐसी कोई बात नहीं है युवा अपने घर जा सकते हैं कहीं बाहर नहीं घूमेंगे और सवेरे प्रातकाल आकर रिपोर्ट ले लेंगे लेकिन उसके बावजूद अल्मोड़ा चिकित्सालय के स्टाफ ने डॉ गड़कोटी PMS जी की बात को भी महत्व नहीं दिया एवं साफ मना कर दिया हम किसी के भी बात नहीं सुनते बात नहीं मानते यह हालात ए हमारे प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं की जब एक सरकारी हॉस्पिटल में कार्यरत पीएमएस की बात नहीं सुनता है तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे
इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं जब युवा स्टाफ से बात करने गया उसके बाद सभी युवाओं को कैदियों की तरह बंद कर दिया गया एवं मुख्य द्वार पर ताला लगाकर छोड़ दिया गया जैसे वह अपना कोरोना टेस्ट कराने ना जाकर कोई भारी मुजरिम हो क्या यही व्यवस्था है हमारे उत्तराखंड राज्य की स्वास्थ्य विभाग की यह एक बहुत नंदनीय विषय है दयनीय स्थिति है आम आदमी के दिलों में इतना डर बैठा दिया है जैसे वह मरिज न होकर कोई बड़ा मुजरिम हो