कालाढूंगी । केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल देश की दोनों सदनों में पास होने के बाद इनके विरोध में कांग्रेस का जमकर बिरोध किया शुक्रवार को बिल का विरोध केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए किसान बिल को लेकर पूरे उत्तराखंड सहित पूरे देश में आंदोलन व्याप्त है। इसी के चलते कालाढूंगी तहसील में भी कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ किसानों का आक्रोश देखने को मिला। जहां किसान बिल के विरोध में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कालाढूंगी तहसील में एक दिवसिय धरना प्रदर्शन किया गया। उत्तराखंड प्रदेश महासचिव महेश शर्मा व कांग्रेस जिला कमेटी के जिला महासचिव भगवान रौतेला के अवुगाई में तहसील में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर किसान बिल को वापिस लेने की मांग की। उत्तराखंड प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि सरकार बहुमत के नशे में चूर है। जिसमें देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का अधिकार दिया गया। अगर देश के सांसदों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है तो मोदी जी देश के लिए महामारी के समय नई संसद बनाकर जनता की कमाई का 900 करोड रूपया क्यों बर्बाद कर रहे हैं। आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है, जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा।जिला महासचिव भगवान रौतेला का आरोप है कि मंडी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मंडी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी। सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी। किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता। इसके परिणाम पूर्व में भी विश्व व्यापार संगठन के रूप में मिले हैं। रौतेला ने चेतावनी दी कि किसान व कांग्रेस इस हक की लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ेगी। सरकार अगर हठधर्मिता पर अडिग है तो किसान भी पीछे हटने वाला नहीं है। अब पूरे देश का किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा,। जब तक कोई समझौता नहीं होगा तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा। महेश शर्मा ने कहा कि देश में किसानों व विपक्ष की आवाज को अनसुनी करके पूंजीपतियों के दवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में तीन किसान विरोधी बिल पास किया है। खासकर राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद असंवैधानिक तरीके से बिल पास किया गया। इसे लेकर पूरे देश के किसानों में गुस्सा है। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी हैं।