कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरे देश में सादगी के साथ मनाए गए मोहर्रम
रिपोर्टर, यूसुफ वारसी
हल्द्वानी राजपुरा टनकपुर रोड वारसी कॉलोनी दरगाह हजरत सूफी सैयद माशूक अली शाह वारसी रहमतुल्ला अलेह का मजारे अक़दस है और वहीं पर इमाम बारगाह भी मौजूद है जिसको खुद मियां हुजूर ने अपने दस्ते मुबारक से बनाया था जहां हर साल लोग इमाम बारगाह में नजर नियाज पेश करने के लिए आते हैं और अपनी मन्नत मुराद मांगते हैं यहां सूफी सैयद माशूक अली शाह वारसी की मजार ए पाक पर हर साल बड़े धूमधाम के साथ उर्स भी हुआ करता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं
और नजर नियाज पेश करते हैं यह उर्स कुंडो के आखिरी सप्ताह रमजान शरीफ से दो-तीन दिन पहले होता है और यहां पर हजारों की संख्या में अकीदत मंद पहुंचते हैं और चादर पोसी करते हैं जब हमने दरगाह कमेटी के सेक्रेटरी हसीन खाँ वारसी से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि हर साल यहां मोहर्रम की 1 तारीख से लेकर के मोहर्रम की 10 तारीख यानी असुरा वाले दिन तक बाद नमाजे असर मजलिस ए इमआमैन हुआ करती है और जब 9 तारीख आती है तो उस रात में यहां मन्नत के फल उठाए जाते हैं और लोगों की मुराद भी पूरी होती है जिस वजह से लोग अपनी मुराद पूरी होने पर फल की टोकरी नियाज बतौर पेश करते हैं जिससे यहां मोहर्रम की 9 तारीख में बहुत ज्यादा रस हो जाता है और बाहर वाला रोड भी पूरा भर जाता है क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा मन्नत मांगने वाली ख्वातीन हुआ करती है या लड़की हुआ करती हैं इमाम बारगाह में हर साल मोहर्रम के महीने में बहुत भीड़ हो जाती है इमाम बारगाह में हर धर्म के लोग यहां अपनी मुराद मांगने आते हैं
और किसी भी धर्म के लोगों के लिए यहां कोई रोक-टोक नहीं है और हमारे मियां सूफी सैयद माशूक अली शाह वारसी रहमतुल्लाह अलेह ने भी अपनी हयात जिंदगी में सभी धर्म के लोगों से मोहब्बत की है मियां हुजूर ने जात पात को लेकर किसी से भी कोई भेदभाव नहीं किया है जिस वजह से हर धर्म के लोग मियां हुजूर के दर पर हाजिरी करने आते हैं व सलामी पेश करते हैं मन्नत का फल उठाने वाले लोग बड़ी दूर दूर से आया करते हैं सेक्रेटरी साहब ने बताया कि हर साल यहां इमाम बारगाह में मोहर्रम की 1 तारीख से लेकर मोहर्रम की 10 तारीख तक बड़े पैमाने पर यादगारे हुसैन में लंगर तकसीम किया जाता है व शरबत बांटा जाता है जैसा कि आप सभी हजरात जानते हैं कि इस साल कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते कुछ चंद लोगों के साथ मुक्तसर सा प्रोग्राम रस्मो रिवाज वह भी सरकार के आदेशों का पालन करते हुए इमाम बारगाह में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मजलिस ए इमामे हुसैन किया गया मोहर्रम की 1 तारीख से लेकर आज योमें आशूरा के दिन तक मुक्तसर से प्रोग्राम किए गए क्योंकि जब से हमारे देश में कोविड-19 कोरोना वायरस को लेकर मार्च के महीने में लॉकडाउन शुरू हुआ था तब से लेकर लगभग 3 माह तक सारे धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था दरगाह कमेटी की ओर से भी यहां पर 3 महीने तक किसी को भी नहीं आने दिया गया और अब जब के सरकार द्वारा लॉकडाउन में थोड़ी ढील दी गई तब जाकर हमने मोहर्रम में जो असर के बाद नजर व नियाज पेश होती है उसको लेकर मुक्तसर से अंदाज में पेश किया गया और कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए दरगाह कमेटी की ओर से दरगाह के गेट के बाहर से एक नोटिस भी चस्पा दिया गया है जिसमें साफ तौर से कानून के आदेशों का पालन किया गया है और नोटिस में लिखा है
हर साल की तरह मोहर्रम में 1 तारीख से लेकर 10 तारीख तक जो भी प्रोग्राम हुआ करते थे वह प्रोग्राम इस साल नहीं हो पाएंगे लिहाजा आप अकीदत मंद लोगों से यह गुजारिश है कि आप नजर नियाज का एहतेमाम अपने घर पर रहकर ही करें किसी भी हज़रात को दरगाह में आने की जरूरत नही है और जो लोग यहां फालतू भीड़ भाड़ लगाएंगे या लगवाएंगे उन पर कानूनी कार्यवाही अमल मे लाई जा सकती है आज्ञा से दरगाह सेकेट्री हसीन खाँ वारसी