हल्द्वानी प्राचीन काल से ही ऐसा माना जाता है कि रामलीला में दशहरे पर रावण वध के साथ ही असत्य पर जीत हुई। कोरोना के वायरस चलते भले ही लोग रावण की 40 फीट ऊंचे पुतले की दहन के साक्षी नहीं बन पाए परंतु डिजिटल आयोजन के माध्यम से घर बैठकर भी पुतले को जलते हुए देखा गया। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरे पर भगवान श्री राम द्वारा बुराई रूपी रावण का अंत किया गया। रामलीला मैदान में 40 फुट लंबे रावण के पुतले को राम के पात्र ने रावण को तीर मारकर, चूर चूर किया रावण का गरूर, श्री राम के हाथों मारे गए रावण की अस्थियों की राख सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है पुतले के जलते ही रामलीला मैदान में मौजूद लोगों राख को एकत्रित कर अपने अपने घरों को ले गए । कोरोना के वायरस चलते सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनकर कोरोना के वायरस की गाइडलाइन का भी पालन किया। साथ ही रामलीला मैदान हल्द्वानी में रामलीला कमेटी हल्द्वानी के सभी पदाधिकारी रावण के वध के दौरान मौके पर मौजूद रहे । साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे