


रिपोर्टर, युसूफ वारसी

गाड़ी मालिकों का कहना था कि हमारी गाड़ियां 3 महीने से खड़ी हैं और ड्राइवर कंडक्टर की तनखा भी हमारे ऊपर 3 महीने से चढ़ गई है इस कोविड-19 में गाड़ी कहां पर चलाएं फिलहाल हम लोगों ने यह किया के एक या दो गाड़ियां चला रहे हैं हल्द्वानी से सितारगंज तक 5 या 6 सवारी मिल जा रही हैं डीजल तेल के पैसे भी खुद अपने ही जेब से देना पड़ रहे हैं कहां इंश्योरेंस गाड़ी का मेंटेनेंस ड्राइवर कंडक्टर की तनख्वाह सब घर से देना पड़ रहा है कहां अगर सरकार द्वारा हमारे गाड़ियों के टैक्स माफ नहीं किए गए तो हम अपनी गाड़ियां आरटीओ में सरेंडर कर देंगे कहां के हमारे पास इस समय 20 गाड़ियां सितारगंज वाले रोड पर हैं जिसमें के गाड़ी मालिक जेब से पैसा देना नहीं चाहते हमने पिछले दिनों सितारगंज में मीटिंग भी की अध्यक्ष आमिल मलिक के साथ तो मीटिंग में निर्णय लिया गया था गाड़ियां चलानी है मगर कोविड-19 के चलते कोरोना के भय से सवारी आना ही नहीं चाह रही है कहां के हमारे पास 25 सवारी की परमिशन है जो कि कोई रिस्पांस नहीं आ रहा है बस मैं सिर्फ 5 . 6. सवारी बैठ रही हैं लेकिन फिर भी हम एक या दो गाड़ियां चलाएंगे ताकि पब्लिक परेशान ना हो उन्होंने कहा सरकार द्वारा किराया दोगुना किया जाना लोगों की जेब पर एक तरह का भारी बोझ है जो कि बिल्कुल सही नहीं है पहले ही कम किराए में सवारिया पूरी नहीं मिल पाती थी और अब जब के पब्लिक की जेब पर किराए की दुगनी मार है ऐसे में सवारी कहां से आएगी और कहा सरकार ने अगर हम गाड़ी मालिकों का 1 साल का इंश्योरेंस बीमा फिटनेस जितने भी टैक्स हैं वह सारे के सारे माफ नहीं किए ऐसी स्थिति में हम गाड़ी मालिक अपनी गाड़ियों के कागज व चाबी आरटीओ मे दे देंगे और अपनी गाड़ियां सरेंडर कर देंगे कहां के सरकार से हमारी यह भी मांग है कि हम गाड़ी मालिकों कुछ कम से कम 40 सवारी बैठाने की अनुमति दी जाए ताकि हम और हमारा स्टाफ अपने घर परिवार का पालन पोषण कर कर सकें
