रिपोर्टर रवि गोपाल बर्गली

आज पूरा विश्व कोरोनावायरस कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है जिससे हमारे देश में विगत 22 मार्च से लॉक डाउन हो रखा है कोरोना संक्रमण को रोकने,लोगों की जरूरतों को पूरा करने, प्रवासियों को क्वारंनटाइन करने जैसे तमाम कार्यों में ग्राम प्रधान जुटे हुए हैं ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष ओखलकांडा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कोविड-19 महामारी की रोकथाम में लगे ग्राम प्रधानों को कोरोना योद्धा घोषित करने,उनका बीमा करने, तथा ₹5000 प्रतिमाह वेतन दिए जाने की मांग की है ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष डीकर मेवाड़ी का कहना है कि कोरोना महामारी में ग्राम प्रधान जमीनी स्तर पर जी जान से लगे हुए हैं लेकिन उनकी कोई चिंता नहीं कर रहा है
जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में ग्राम प्रधान संगठन ने कहा है कि ग्राम प्रधान लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई है जो जनता से सीधे जुड़ा रहता है जनसेवा ही उसका मकसद रहता है कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए भी ग्राम प्रधान दिन रात अपनी भूमिका निभा रहे हैं गांव में सेनीटाइजर्स छिड़काव, संदिग्ध मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर शासन की गाइडलाइन के अनुसार साथ ही गांव में कोरोनावायरस के रोक थाम के लिए जन जागरण अभियान चलाए हुए हैं बाहरी व्यक्ति गांव में आने पर उनकी सूची बनाकर शासन प्रशासन को उपलब्ध करा रहे हैं गरीब परिवार तथा प्रवासी मजदूरों लोगों को हर संभव मदद कर रहे हैं फिर भी ग्राम प्रधानों को किसी भी प्रकार का सुरक्षा कवच सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्राम प्रधान कोरोनावायरस महामारी से डरा हुआ होने के साथ ही खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं ऐसे में ग्राम प्रधानों कोरोना योद्धा घोषित करने,उनका बीमा कराने, तथा वेतन ₹1500 से ₹5000 करने का शासनादेश जारी करने की मांग की गई है
