
संपादक कॉर्बेट बुलेटिन मुस्तज़र फारूकी
कालाढूंगी पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है इस संकट से निपटने में कई लोग अलग-अलग तरह से सरकार की मदद कर रहे हैं सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी संक्रमित की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों को इस महामारी से बचने के लिए शासन प्रशासन लगातार जागरूक कर रहा है।कि बार-बार हाथ धोए सैनिटाइजर को उपयोग करें मास्क का उपयोग करें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लोग अपने घरों में ही रहे जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले।वहीं चौका देने बाला मामला सामने आया है। हम आपको ऐसे लोगों से रूबरू करा रहे है। गंगोलीहाट के दम्पत्ति ने बहुत कम कीमत में सैनिटाइजर की एटोमेटिक मशीन बनाकर चौका दिया। इसमें खास बात यह है कि इसे किसी भी स्थान पर आसानी से लगाकर प्रतिदिन हज़रो लोगों को सैनिटाइज किया जा सकता है। सैनिटाइजर मशीन बनाने वाले दम्पत्ति बिना पंत व उनके पति युगल किशोर ने बताया कि इस मशीन को किसी भी भीड़ भाड़ बाली जगहों में प्रयोग किया जा सकता है। कालाढूंगी चकलुआ विदरामपुर गणपति इलेक्ट्रो पावर के मालिक ने इन मशीन को अपने सहयोगीयो के साथ तैयार किया है। इस मशीन की खास बात यह है कि सैनीटाइजर करते बक्त आवाज में कुछ सेकेंड संकेत भी देती है हर सेकंड में एक व्यक्ति हाथों को सेनेटाइज कर सकता है इस मशीन से 1 घण्टे के अंदर लगभग एक हज़ार लोग अपने हाथों के सैनीटाइज कर सकते है मशीन को बनाने बाले बिना पंत ने बताया यह मशीन हर भाषा मे संकेत भी देती है और इसकी छमता दो हज़ार लीटर तक है उन्होंने बताया मशीन बनाने में पूरा देशी समान लागए गए है । इस मशीन को आसानी से कहीं पर भी लगाया जा सकता है युगल पंत ने बताया की यह मशीन बहुत हल्की होती है। इसे किसी भी कार्यालय अस्पताल सड़क के बीचो-बीच जहां पर लोगों का आना-जाना अधिक होता उन स्थानों पर इस सिस्टम में लगाए जा सकता है। इस मशीन की खास बात यह है कि प्रतिदिन हज़रो लोगों को सैनिटाइजर करा सकेगी। और आप इस मशीन को दुकान में भी लगा सकते जिससे आने वाले ग्राहकों को सैनिटाइज करेंगी।


मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के रहने वाले चकलुवां निवासी युगल किशोर पंत ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन में अपनी पत्नी बीना पंत के साथ मिलकर कोरोना से लडऩे वाली मशीन का प्लान बनाया। इसमें उनकी पत्नी ने भी हामी भरी। फिर क्या था दोनों पति-पत्नी घर पर ही इसके निर्माण में जुड़ गये। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी के लोकल-वोकल पर पंख लगा दिये। हालांकि लॉकडाउन के दौरान माकेंट बंद होने से उन्हें कई सामानों के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन अंत में सफलता उनके हाथ लगी। उन्होंने शानदार रक्षक ऑटोमैटिक सेनेटाइजर मशीन का निर्माण कर दिया।युगल किशोर पंत ने बताया कि उनकी चकलुआं में गणपति इल्कट्रो एंड पावर छोटी से कंपनी है। जिसमें वह स्वदेशी अपनाने पर जोर देते है। इससे पहले भी पंत दंपति खूब चर्चाओं में रहा। उन्होंने चाइनीज बिजली की मालाओं को टक्कर देने के लिए स्वदेशी बिजली की मालाएं बनाई। जिसके बाद पूरे देशभर से उनके पास डिमांड आयी। इस बिजली की माला में उन्होंने एक साल की गारंटी भी दी। अब पंत दंपति ने कोरोना काल मेंं कोरोना को हराने के लिए स्वदेशी रक्षक ऑटोमैटिक सैनेटाइजर मशीन का निर्माण किया है। युगल किशोर पंत ने बताया कि मशीन की गारंटी पांच साल की है। खराब होने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी है। यह मशीन एक दिन में हजारों लोगों को सैनेटाइज कर सकती है
लोग इस मशीन का इस्तेमाल सरकारी/प्राइवेट कार्यालयों, बैंकों, मॉलों, रेलवे स्टेशनों, रोडवेज स्टेशनों समेत हर जगह कर सकते है। जो कोरोना को हराने में काफी सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल-वोकल पर पंत दंपति की मेहनत ने पंख लगा दिये है। उन्होंने बताया कि स्पेयर पार्ट, सेंसर समेत मशीन के कई सामान उन्होंने खुद लॉकडाउन के चलते घर पर ही बनाये। उनकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई। उनका पहले से ही स्वदेशी अपनाने पर जोर था। अब पीएम मोदी ने भी स्वदेशी में जोर दिया है। इससे उनका हौंसला और बढ़ा है। आगे भी कोरोना को मात देने के लिए कई और मशीनों का निर्माण कर रहे है जो देश को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि अगर कोई सामाजिक संस्था फंड देकर या फिर उनके पार्टस का शुल्क देकर मशीन तैयार करवाना चाहती है तो वह काफी कम शुल्क और निशुल्क भी अपनी सेवा देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के हर नागरिक को कोरोना जैसी महामारी से बचाना है। जान है तो जहान है। इसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर मशीनें तैयार करने के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि यह मशीन हिन्दी, अंग्रेजी, कुमाऊंनी, गढ़वाली, उर्दू समेत कई भाषायें बोलती है। अनपढ़ भी इसकी भाषा समझकर अपने को सैनेटाइज कर सकता है। यह मशीन सैनेटाइज करने के साथ-साथ बोलती भी है। जैसे अपने हाथों के आगे बढ़ाने। अलग-अलग तरीके से सैनेटाइज करती है। पंत ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना और स्वदेशी पर जोर देना है। उन्होंने अपने यहां बिजली की माला बनाने के लिए 12 युवाओं को रोजगार दिया है।
