टेंपो चालक की लापरवाही से एक व्यक्ति की टूटी टांग
ब्यूरो रिपोर्ट कॉर्बेट बुलेटिन हल्द्वानी
हल्द्वानी मंगलवार को बनभूलपुरा क्षेत्र के इंदिरा नगर वार्ड नंबर 33 के सन्नू नामक व्यक्ति को एक अज्ञात टेंपो चालक ने टक्कर मारकर किया लहूलुहान, इतने में सन्नू को समझ पाता टेंपो चालक टक्कर मारकर हो गया रफूचक्कर, अगर हम बात करें यातायात नियमों की तो यहां सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए टेंपो चालक साफ साफ देखे जा सकते हैं, किसी के पास डीएल नहीं है,तो किसी के पास टेंपो के कागज भी नहीं है, दूसरी बड़ी बात यह नाबालिक बच्चे बनभूलपुरा क्षेत्र में बेधड़क होकर टेंपो चला रहे हैं
आए दिन लोगों को हादसों का शिकार होते रहना पड़ता है। थाना बनभूलपुरा की पुलिस आए दिन चेकिंग विहान चलाती देखी जाती है।मगर 24 टेंपो ही चीज हो पाते हैं क्योंकि अन्य टेंपो चालक पुलिस की चेकिंग करते हैं सतर्क होकर अपने टेंपो को इधर-उधर खड़ा करके भाग जाते हैं
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर इसी तरीके से हाल रहा तो, क्या व्यवस्था होगी हमारे शहर की टेंपो चालकों की वजह से आए दिन जाम का सामना भी करना पड़ता है, जिसके चलते हैं कभी कभी किसी पेशेंट को हॉस्पिटल ले जाने की आवश्यकता पड़ती है तो घंटों इंतजार करने के बाद ही वह व्यक्ति हॉस्पिटल या अपने अन्य काम से अपने काम पर लेट पहुंचता है। आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन है। हर घर में छोटे-छोटे मासूम बच्चे होते हैं टेंपो की वजह से आए दिन बच्चे भी चोटिल होते रहते हैं और कितनी बारी कितने बच्चों को टेंपो ने अपने पहियों के नीचे कुचल दिया है। कई बच्चों की इन टैंपू चलो की की वजह से मृत्यु भी हो चुकी है। हम आपको बताते चलें पूर्व में भी मौलाना अजमल टेंपो चालक ने टक्कर मार दी थी जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।ऐसे ही कई हादसे इन टेंपो चालकों की वजह से हो चुके हैं लेकिन इन सब का आखिरकार जिम्मेदार कौन है कौन देगा इसका जवाब शासन प्रशासन, या फिर यहां की जनता, या फिर कोई राजनेता, या स्वयं भगवान पधार कर यहां की यातायात व्यवस्था को सुधारेंगे। शायद इन सवालों का जवाब किसी के पास हो अब सवाल यह उठता है जवाब किसी के पास हो या ना हो इसकी सजा जनता को भोगने पड़ रही है जिसके चलते एक युवक सन्नू जिसकी टेंपो चालक की लापरवाही के कारण टांग टूट गई। दिन रात मजदूरी करके खाने वाला व्यक्ति अब क्या करेगा कौन उसके परिवार का भरण पोषण करेगा आखिरकार कौन है इसका जिम्मेदार फिर वही सवाल। मगर शायद ही इस सवाल का जवाब किसी के पास हो,
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर इसी तरीके से हाल रहा तो, क्या व्यवस्था होगी हमारे शहर की टेंपो चालकों की वजह से आए दिन जाम का सामना भी करना पड़ता है, जिसके चलते हैं कभी कभी किसी पेशेंट को हॉस्पिटल ले जाने की आवश्यकता पड़ती है तो घंटों इंतजार करने के बाद ही वह व्यक्ति हॉस्पिटल या अपने अन्य काम से अपने काम पर लेट पहुंचता है। आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन है। हर घर में छोटे-छोटे मासूम बच्चे होते हैं टेंपो की वजह से आए दिन बच्चे भी चोटिल होते रहते हैं और कितनी बारी कितने बच्चों को टेंपो ने अपने पहियों के नीचे कुचल दिया है। कई बच्चों की इन टैंपू चलो की की वजह से मृत्यु भी हो चुकी है। हम आपको बताते चलें पूर्व में भी मौलाना अजमल टेंपो चालक ने टक्कर मार दी थी जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।ऐसे ही कई हादसे इन टेंपो चालकों की वजह से हो चुके हैं लेकिन इन सब का आखिरकार जिम्मेदार कौन है कौन देगा इसका जवाब शासन प्रशासन, या फिर यहां की जनता, या फिर कोई राजनेता, या स्वयं भगवान पधार कर यहां की यातायात व्यवस्था को सुधारेंगे। शायद इन सवालों का जवाब किसी के पास हो अब सवाल यह उठता है जवाब किसी के पास हो या ना हो इसकी सजा जनता को भोगने पड़ रही है जिसके चलते एक युवक सन्नू जिसकी टेंपो चालक की लापरवाही के कारण टांग टूट गई। दिन रात मजदूरी करके खाने वाला व्यक्ति अब क्या करेगा कौन उसके परिवार का भरण पोषण करेगा आखिरकार कौन है इसका जिम्मेदार फिर वही सवाल। मगर शायद ही इस सवाल का जवाब किसी के पास हो,