



मुस्तज़र फारूकी
संपादक कॉर्बेट बुलेटिन

संपादक मुस्तज़र फारूकी कॉर्बेट बुलेटिन
नैनीताल वाहन चेकिंग के दौरान दारोगा और सिपाही डीआईजी से मसखरी करने लगे। फिर क्या था डीआईजी का पारा चढ़ गया हो गई बड़ी कार्रवाही। फोन पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर डीआइजी ने दोनों को लाइनहाजिर कर दिया है। दोनों मल्लीताल कोतवाली में तैनात है। बताया जा रहा है कि सोमवार को पुलिस चेकिंग कर रही थी। एक महिला ने डीआईजी जगत राम जोशी को फोन किया। सर पुलिस चेकिंग कर रही है मैं कुछ कागजात घर भूल गई हूं। दारोगा साहब चालान काटने की बात कर रहे है।इस पर डीआइजी जगत राम जोशी ने महिला से चेकिंग पर तैनात जवान से बात कराने के लिए कहा। महिला ने मौके पर मौजूद सिपाही विनोद यादव को फोन देते हुए कहा कि देकर डीआइजी साहब से बात कर लो। सिपाही ने इस बात को गंभीरता से लेने की बजाए हल्के में ले लिया। उसने फोन पर डीआइजी से मसखरी शुरू कर दी। वह डीआइजी से कौन डीआइजी, कहां के डीआइजी। जैसे सवाल पूछने लगा। ऐसी भाषा सुनकर डीआइजी सन्न रह गए। सिपाही की ऐसी बातें सुनकर डीआइजी सन्न रह गये। सिपाही ने बताया कि वह तल्लीताल थाने में तैनात है।इसके बाद डीआइजी ने दारोगा से बात कराने के लिए कहा। तो दारोगा दीपक बिष्ट ने भी डीआइजी से इसी अंदाज में बात कर उल्टा सवाल दाग दिये। अब डीआइजी साहब का पारा चढ़ गया। डीआइजी ने तुंरत कार्यवाही करते हुए मल्लीताल के इंस्पेक्टर को फोन लगाया। जब चेकिंग में तैनात दारोगा व सिपाही तक डीआइजी के फोन होने की खबर पहुंची तो उनकी हवाहवाई सब उड़ गई। इसके बाद डीआइजी ने दारोगा दीपक बिष्ट व सिपाही विनोद यादव को लाइनहाजिर करने का फरमान जारी कर दिया। साथ ही दारोगा के निलंबन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है

