पुलिस की मौजूदगी में जामिया के पास प्रदर्शन के दौरन एक शख्स गोली चला दी। उसकी गोलीबारी में एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया दिल्ली पुलिस की इसी दरियादिली को देखते हुए वो बाकायदा निशाना लेकर उन्हीं पुलिस वालों की मौजूदगी में गोली चला देता है. अब जब गोली की आवाज पुलिस के कानों में पड़ती है, तब कहीं जाकर पुलिस की नींद टूटती है और उसे याद आता है कि अरे वो तो पुलिस हैं.
बारह पुलिस वाले पीछे.. दाएं-बाएं और सामने की तरफ भी अनगिनत पुलिस वाले और इन सब के बीच तमंचा लहराता वो इकलौता लड़का. कायदे से इस वक्त इसके निशाने पर कोई एक निशाना नहीं. बल्कि दिल्ली पुलिस की पूरी साख है. किसी भी पल कुछ भी हो सकता है. मगर कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस एक अकेले लड़के के आगे नतमस्तक हो गई. शुक्र है ये तो तमंचा है अगर कहीं कोई ऑटोमैटिक हथियार होता. जिसमें से एक बार में अनगिनत गोलियां निकलतीं तो क्या होता?
फिल्मों में भी ऐसा सीन देखने को नहीं मिलता. जिसे आज दिल्ली पुलिस ने अपनी दिलेरी से अमर कर दिया. सचमुच कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस. जी हां तस्वीरों में गौर से देख लीजिए इन्हें. देश की सबसे स्मार्ट पुलिस फोर्स में इनकी गिनती होती है. गज़ब की स्मार्टनेस दिखाई है इन्होंने. ये तस्वीरें ना दिल्ली भूलेगी. ना दिल्ली पुलिस और ना ही देश. जब-जब दिल्ली पुलिस की बहादुरी के चर्चे होंगे. यह तस्वीर उनका सीना चौड़ा कर जाएगी.
एक लड़का सरेआम तमंचा लहरा रहा है. आगे-पीछे, दाएं-बाएं दिल्ली पुलिस के दर्जनों जवान और अफसर खड़े हैं. मीडिया के तमाम कैमरे भी मौजूद हैं. पर इन सबसे बेपरवाह वो हाथ में तमंचा लिए लगातार सामने की तरफ निशाना लगाए है. पर चल उलटा रहा है. अभी वो गोली नहीं चला रहा. बस दिल्ली पुलिस जिंदाबाद, भारत ज़िंदाबाद, ये लो आज़ादी जैसे नारे लगा रहा बस. पर ट्रिगर पर उंगली लगातार बनी हुई है. हाव-भाव देख कर साफ लग रहा है कि वो कभी भी ट्रिगर दबा सकता है. और सामने भीड़ इतनी है कि निशाना चूकने पर भी पक्का है कि गोली लगेगी जरूर किसी को.
मगर कमाल है अपनी दिल्ली पुलिस. कोई जल्दबाजी नहीं. कोई खौफ नहीं. कोई एक्शन नहीं. ऐसे तमाशाई बनी हुई है जैसे ये पुलिस ना हो बल्कि भीड़ का एक हिस्सा भर हो. जो देख रही है कि ये क्या हो रहा है और आगे क्या होगा? हमले की तस्वीरों पर नजर डालें तो साफ देखिए इतने सारे पुलिस वाले मौजूद थे वहां. मगर मजाल क्या कि एक भी पुलिस वाला इसे रोकने की कोशिश करता नजर आए. सब बस तमाशबीन ही नजर आ रहे हैं.
उन तमाशबीनों के बीच तमाशा जारी था. कई मिनटों तक और फिर वही हुआ जिसका डर था. दर्जनों पुलिस वालों की मौजूदगी के बावजूद आखिरकार उसने सामने की तरफ ट्रिगर दबा दिया. ठांय की आवाज आई और गोली सामने की तरफ से आ रहे शादाब नाम के एक छात्र के हाथ में जा लगी. अब गोली चल चुकी थी. लिहाज़ा दिल्ली पुलिस को भी लगा कि चलो इसने अपना काम कर दिया, अब हम भी अपना फर्ज निभा लें.
हाथ बांधे खड़ी रही दिल्ली पुलिस
इसी के बाद एक पुलिस वाला हमलावर के करीब आता है. वो भी रुक सा जाता है. बड़े प्यार से अब तमंचा पुलिस वाले के हाथ आ जाता है. फिर अचानक आसपास खड़े पुलिस वालों को भी शायद कुछ याद आता है. फिर क्या था अब निहत्थे हमलावर पर सभी टूट पड़ते हैं और उसे पकड़ कर गाड़ी में डालते हैं फिर मौके से निकल जाते हैं. देश क्या दुनिया की किसी भी पुलिस की ऐसी तस्वीर नहीं देखने को मिलेंगी.
ये आलम तब है जब दिल्ली पुलिस खुद को सबसे स्मार्ट पुलिस बताती है. ये है इनकी स्मार्टनेस? ज़रा सोचें इसके हाथ में इस तमंचे की जगह कोई घातक हथियार होता तो क्या होता? क्या सचमुच अपनी दिल्ली पुलिस ऐसे हालात से निपटने में सक्षम है? कम से कम हमले की तस्वीरें देख कर तो शक होता है. और अगर सचमुच दिल्ली पुलिस स्मार्ट है तो फिर सवाल उठता है कि आखिर पुलिस की मौजूदगी होने के बावजूद उस गोली चलाने कैसे दिया?
पुलिस की मौजूदगी में जामिया के पास प्रदर्शन के दौरन एक शख्स गोली चला दी। उसकी गोलीबारी में एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया। घायल छात्र को होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। घायल हुए छात्र का नाम शादाब है। वहीं, हमलावर के पीछे भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। वहां मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक फायरिंग करने वाला शख्स लगातार नारेबाजी कर रहा था। जानकारी के मुताबिक, गोली चलाने वाले व्यक्ति ने कहा कि मैं तुम्हे आजादी दिलाता हूं। जानकारी के अनुसार, गोली चलाने वाला बाहर से आया था। गोली चलाने वाले व्यक्ति ने पिस्टल लहराते हुए कहा, ‘दिल्ली पुलिस जिंदाबाद, जामिया मिलिया मुर्दाबाद।’ ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजूद वो हमलावर हथियार लेकर वहां कैसे जा पहुंचा। कैसे उसने पुलिस के सामने फायरिंग कर दी। इस घटना के बाद पुलिस के सुरक्षा इंतजामों पर ही सवाल उठ रहे हैं। पुलिस की इतनी भारी मौजूदगी के बाद कैसे वो शख्स पिस्तौल लेकर वहां भीड़ के बीच में आ गया। कैसे वो पुलिस और भीड़ के बीच खड़े होकर नारेबाजी करता रहा। कैसे उसने पुलिस के सामने ही प्रदर्शनकारियों की तरफ पिस्तौल तानकर गोली चला दी।
दरअसल, गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक मार्च निकाला जा रहा था। हालांकि इस मार्च को पुलिस ने इजाजत नहीं थी। लिहाजा पुलिस मार्च को रोकने के लिए पहले ही होली फैमली अस्पताल के पास भारी संख्या में मौजूद थी। पुलिस अधिकारी मार्च निकाल रहे लोगों से बात कर रही थी। तभी एक युवक भीड़ के बीच से निकल कर सामने आया। उसके हाथ में बंदूक थी। वो जोर-जोर से नारे लगा रहा था। बताया जा रहा है कि वो प्रदर्शन कारियों की तरफ मुंह करके कह रहा था कि वो उन्हें आजादी चाहिए तो वो उन्हें आजादी देगा। यही बोलते-बोलते वो युवक पुलिस की तरफ बढ़ता जा रहा था और प्रर्दशन कारियों की तरफ पिस्तौल दिखाकर नारे लगा रहा था। दिल्ली पुलिस की इसी दरियादिली को देखते हुए वो बाकायदा निशाना लेकर उन्हीं पुलिस वालों की मौजूदगी में गोली चला देता है गोली लगने से घायल युवक को तुरंत प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ‘गोली चलाने वाले ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए।’ दूसरी ओर इस घटना से हड़बड़ाई दिल्ली पुलिस ने आनन-फानन में मध्य दिल्ली स्थित जामा मस्जिद पर अतिरिक्त पुलिस बल बढ़ा दिया। क्योंकि इस मार्च को जामा मस्जिद पर ही पहुंचना था। जामा मस्जिद से इकट्ठे होकर भीड़ को राजघाट की ओर बढ़ना था। हालांकि पुलिस ने मार्च को राजघाट की ओर जाने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया था। 307 और आर्म्स एक्ट के तहत पुलिस ने मामला किया दर्ज