26 फरवरी को , हल्द्वानी में दिल्ली में हो रही हिंसा का भाजपा प्रायोजित,दिल्ली हिंसा की न्यायिक जांच हो दिल्ली हिंसा के मुख्य आरोपी कपिल मिश्रा को तत्काल गिरफ्तार करो दिल्ली उत्पात के जिम्मेदार गृहमंत्री अमित शाह इस्तीफा दो,
भाकपा (माले), क्रालोस, अम्बेडकर मिशन, किसान महासभा, संविधान बचाओ मंच, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, जाटव युवा समिति, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ‘ऐपवा’, पछास समेत विभिन्न संगठनों ने बुद्धपार्क हल्द्वानी में धरना प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में भाजपा-आरएसएस के गुंडो द्वारा दिल्ली पुलिस की खुलेआम सरपरस्ती में चल रहे हिंसक अभियान और आगजनी की कड़ी निंदा करते हुए इस जनसंहार दंगे और आगजनी को उकसाने के लिए जिम्मेवार भाजपा नेता कपिल मिश्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए यह मांग भी उठायी कि दोषियों पर फौरन कार्यवाही की जाए और शांति की बहाली की जाए। हम संविधान और नागरिकता पर हो रहे इन हमलों के खिलाफ, विभेदनकारी सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण प्रतिरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं। ये प्रदर्शन राज्य दमन और फासीवादी हिंसा के बावजूद बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं, और इन प्रदर्शनों को साम्प्रदायिक रंग देकर राजधानी की जनता को साम्प्रदायिक आधार पर बांटने की भाजपा की कोशिशों को हाल के विधानसभा चुनावों में जनता ने करारा जवाब दिया है। अपनी हार से बौखालाए मोदी-शाह अब ये कोशिश कर रहे हैं कि इन शांतिपूर्ण प्रतिरोध प्रदर्शनों के जवाब में दिल्ली की सड़कों पर खून बहाया जाए. हम ऐसे हर प्रयास का, पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं और दिल्ली साम्प्रदायिक हिंसा को रोक पाने में असफल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हैं। यह भी मांग की गई कि दिल्ली पुलिस की सांप्रदायिक भूमिका की जांच की जाय।
इस अवसर पर भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि, “भाजपा और संघ ने सोच समझ कर दिल्ली में सांप्रदायिकता फैलाने का काम किया है। CAA, NPR और NRC विरोधी आंदोलन की व्यापकता, उसके अनुशासन, उसके अहिंसात्मक स्वरूप और उसको बड़े पैमाने पर लोकतान्त्रिक शक्तियों से मिल रहे समर्थन के चलते संघ भाजपा और उसकी सरकारें विचलित हो गयी और वे अब उसे बदनाम कर, हिंसा का आरोप लगा कर उसकी आड़ में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना चाहती हैं। इसके लिये वे अपने ट्रेण्ड काडर और पुलिस- प्रशासन का संयुक्त स्तेमाल कर रही हैं।”
क्रालोस के केंद्रीय अध्यक्ष पी पी आर्य ने कहा कि, “संघ-भाजपा जहां आंदोलन को सांप्रदायिक रूप देकर उसे बदनाम करना और अंततः नष्ट करना चाहते हैं, वहीं पुलिस प्रशासन सत्ताधारियों को तुष्ट करने को अविवेकपूर्ण तरीके से बल प्रयोग कर रहे हैं। निहित स्वार्थों के तहत दोनों ही भूल रहे हैं कि इसके दीर्घकालिक परिणाम देश और समाज के लिये अहितकर होंगे।”
अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा ने सभी दिल्ली वासियों से अपील कि वे किसी भी तरह के उकसावे में न आयें और आंदोलन को संपूर्णतः अहिंसक बनाये रखें। उन्होंने कहा कि, “आम लोग राजनीति प्रेरित शक्तियों के उकसावे में न आयें और शान्ति और भाईचारा बनाए रखें।”
धरना प्रदर्शन में दिल्ली की हिंसा में मृत पुलिस जवान और नागरिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की गई।
धरने के माध्यम से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ होने वाले प्रतिरोध और अमन, समरसता और न्याय के प्रति एकजुटता व्यक्त की गई.
इस अवसर पर राजा बहुगुणा, पी पी आर्य, जी आर टम्टा, बहादुर सिंह जंगी, सुंदर लाल बौद्ध, विमला रौथाण, रजनी जोशी, इस्लाम हुसैन, डॉ कैलाश पाण्डेय, लक्ष्मी नारायण, उमेश चन्द्र, शेखर चन्द्र, ललित मटियाली, मुकेश चंद्र भंडारी, उमेश पाण्डे, सुनील, प्रकाश फुलोरिया, सरताज आलम, तस्लीम अंसारी, मोहन मटियाली, रीता, निर्मला शाही, मुन्नी, महेंद्र, रमेश चंद्र कोठारी, मो फुरकान, मनोज कुमार,नसीम आदि शामिल रहे।