पुरुष प्रधान मानसिकता व अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति का किया पुतला दहन
रिपोर्टर समी आलम
हल्द्वानी में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तन कामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने संयुक्त रुप में हाथरस की घटना के विरोध में पूँजीवादी व्यवस्था के साथ पुरुष प्रधान मानसिकता व अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति का पुतला दहन किया।इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि अभी हाथरस के अंदर एक 20 साल की दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार कर उसके साथ जघन्य अपराध किया है। यह कृत्य करने वाले गाँव के ही दबंग लोग हैं।
महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा की जिम्मेदार पितृसत्तात्मक मूल्य मान्यताएं व उपभोक्तावादी संस्कृति है। जहां पितृसत्तात्मक मूल्य मांयताओ के कारण महिलाओं को समाज में बराबरी का अधिकार नहीं मिलता। इसलिए अपराधी, बलात्कारी दरिंदे उनको अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं। वही महिला हिंसा की जिम्मेदार उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति भी है।अश्लील संस्कृति फिल्मों, गानों, विज्ञापनों, सीरियल, पोर्न साइट्स के माध्यम सेखुलेआम शोशल मीडिया, मीडिया द्वारा प्रस्तुत किया जा रही है। वह महिलाओं को इंसान की जगह उपभोग करने वाली वस्तुओं के रूप में प्रस्तुत करती हैं। इससे समाज के अंदर इस तरह के विकृत मानसिकता के लोग पैदा होते हैं। जो इस तरह की हिंसाओं को अंजाम देते हैंआज ही के दिन 2 अक्टुबर को उत्तराखंड के इतिहास में रामपुर तिराहा कांड हुआ था जिसमे महीलाओ की अस्मिता रोधा गया था। आज महिला हिंसा के विरोध में हम सभी को हम सभी मजदूर-मेहनतकशों, छात्रों-नौजवानों, महिलाओं को एकजुट होकर इसके खिलाफ संघर्ष करना होगा और इस तरह की मानसिकता के खिलाफ लड़कर ही हम इन घटनाओ को रोक सकते हैं