
संवाददाता
शाहिद अंसारी
जिला बरेली
पुल की एनओसी दे दो, बदले में पीडब्ल्यूडी की सड़कें ले लो

लाल फाटक ओवरब्रिज में रक्षा मंत्रालय की एनओसी के बैरियर को हटाने के लिए प्रशासन ने बी प्लान भी तैयार कर लिया है जो रक्षा मंत्रालय की हर आपत्ति का जवाब देगा। बी प्लान में प्रशासन सेना को उनके कैंपिंग ग्राउंड के सटी पीडब्ल्यूडी की सड़कों को मालिकाना हक देने को तैयार हैं। पीडब्ल्यूडी लिखा-पढ़ी में सेना को सड़क का मालिकाना हक देने को तैयार है। हालांकि बी प्लान का इस्तेमाल पहला प्रस्ताव फेल होने के बाद किया जाएगा।

सेना ने जमीन के बदले जमीन मिलने के बाद ही ब्रिज निर्माण की एनओसी देने की शर्त रखी है। समान कीमत की जमीन देनी होगी। एक साल पहले कैंट क्षेत्र से सटे गांव में सेना को देने के लिए बभिया गांव में जमीन चिह्नित की गई थी।सेना ने जमीन को रिजेक्ट कर दिया। प्रशासन ने बभिया की जमीन का प्रस्ताव रिजेक्ट होने के बाद दूसरा प्रपोजल तैयार किया है। सेना के अधिकारियों को प्रस्तावित जमीन का मुआयना करा दिया है। मोहनपुर गांव की जमीन पर रक्षा अधिकारियों ने सहमति भी जताई है। अगले सप्ताह प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा जा रहा है। हालांकि प्रशासन और सेतु निगम अधिकारियों ने फिर से आपत्ति लगने की आशंका है।
प्रशासन ने बी प्लान भी तैयार किया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सेना के पांचों कैंपिंग ग्राउंड से सटी पीडब्ल्यूडी की सड़कों का रिकॉर्ड तैयार किया है। पहले प्लान पर अगर आपत्ति लगी तो बी प्लान रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। नवाबगंज में पुरानी पीलीभी रोड समेत कुछ और सड़कों का मालिकाना हक पीडब्ल्यूडी सेना को देने को तैयार है।
कैंट में सड़क की जमीन पर प्रस्तावित है पुल
कैंट से गुजरने वाली सड़क पर ओवरब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है। यह सड़क आम ट्रैफिक के लिए खुली रहती है। मथुरा की ओर जाने वाली ट्रैफिक इसी सड़क से गुजरता है जो लाल फाटक क्रासिंग से गुजरकर जाती हैं। ब्रिज के लिए सेतु निगम सेना से सिर्फ सड़क की 2900 वर्ग मीटर जमीन की मांग कर रहा है।
सोशल मीडिया पर शुरू हुई एनओसी की मांग
लाल फाटक ओवर ब्रिज के निर्माण की दिक्कतों को दूर कराने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू कर दी है। लाल फाटक एरिया में रहने वाले युवाओं ने ‘लाल फाटक ओवर ब्रिज: खत्म करो इंतजार’ के नाम से फे सबुक पेज तैयार किया है। सेना की एनओसी और ब्रिज के निर्माण में तेजी लाने के लिए लोगों से समर्थन जुटाया जा रहा है। युवाओं ने हिन्दुस्तान की खबरों की कटिंग के साथ अपनी आवाज ट्विटर के जरिए रक्षा मंत्रालय तक पहुंचाई है। युवाओं ने कई ट्वीट किए हैं। जिसमें रक्षा मंत्रालय को भी टैग किया गया है।
लाल फाटक ओवर ब्रिज के लिए सेना की एनओसी लेने के लिए हमने बी प्लान भी तैयार कर लिया है। बी प्लान का इस्तेमाल पहले प्लान पर सेना की आपत्ति लगाने पर इस्तेमाल किया जाएगा। हम सेना को पीडब्ल्यूडी की कैंपिंग ग्राउंड से सटी सड़कों को मालिकाना हक देने को तैयार हैं। कैंट की सड़क के बदले सड़क देने की तैयारी भी कर ली गई है।
