ब्यूरो रिपोर्टर कॉर्बेट बुलेटिन
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। इससे समाज के कुछ वर्गों के लिए भर्ती, चयन, नौकरी और जीवनयापन में आसानी होगी।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस फैसले से देश के युवाओं को नौकरी मिलने में फायदा होगा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। इससे समाज के कुछ वर्गों के लिए भर्ती, चयन, नौकरी और रहने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य होगी। इस दौरान कोई भी उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेगा।
सी। चंद्रमौली ने कहा कि केंद्र सरकार में 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। हालाँकि, अब तक हम केवल तीन एजेंसी परीक्षाओं को सामान्य बना रहे हैं। लेकिन समय के साथ, हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए एक सामान्य पात्रता परीक्षा दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि हर साल ढाई से तीन करोड़ लोग ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों के लिए 1.25 लाख से अधिक परीक्षा देते हैं। ये परीक्षा IPBS, AAC और RRB के माध्यम से आयोजित की जाती है। अब ये अलग-अलग परीक्षाएं एक जैसी होंगी।
इसके साथ ही, कैबिनेट ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPE) के तहत जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
