बनभूलपुरा में कुत्ते का आतंक
निगम हल्द्वानी की दिखी बड़ी लापरवाही जिसके चलते* बनभूलपुरा में बढ़ रहा है कुत्तों का आतंक*
आप को बता दें कि कल रात 29 जनवरी 2020 को ईशा की नमाज पढ़ने जा रहे एक स्थानीय निवासी लाइन नंबर 8 नाम आरिश अली 23 वर्ष पिता लियाकत अली को वही घूम रहे पागल कुत्तों ने हमला कर दिया । और आरिश अली की टांग पर एक कुत्ते ने अपने सारे दांत गड़ा दिए जिससे वह घायल हो गया घायल अवस्था में उसके मित्र उसे बेस हॉस्पिटल ले गए जहां इंजेक्शन लगा कर उसे घर भेज दिया गया ।अभी कुछ दिन पूर्व एक स्कूल की नन्ही छात्रा पर भी सुबह स्कूल जाते हुये कुछ कुत्तों ने हमला कर दिया था वह भी घायल हुई थी जिसे स्थानीय लोगों ने कुत्तों से बचाया था।
बनभूलपुरा मे कुत्तो की संख्या कुछ ज्यादा ही बड़ रही है जिससे आम आदमी और बाहर खेल रहे बच्चों पर हर समय खतरा मंडराता रहता है।
इसी तरीके की एक घटना
18 jun 2018 को हुई थी एक कुत्ते ने पांच घंटे के भीतर अठारह बच्चों को काट लिया. कुत्ते का शिकार हुए पीड़ित बच्चों को लेकर परिजन सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल पहुंचे. इतनी संख्या में बच्चों को देख डॉक्टर भी घबरा गए थे। डॉक्टरों ने तत्काल बच्चों इलाज किया था।
जिससे कुत्ते के इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को काटने से इलाके में हड़कंप मच था। जिनका इलाज सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में हुआ था कुछ को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाकर वापस कर दिया गया. इंदिरा नगर निवासी फातिमा के द्वारा उस समय बताया गया था की कुत्ता कई दिनों से गलियों में घूम रहा था. देखने से कुत्ता पागल लग रहा था. वो इधर से उधर भाग रहा था और लोगों को काट रहा था. नगर नगर निगम आंखों पर हाथ धरे बैठा था ना ही उसे बच्चों की चीखें सुनाई दे रही थी ना ही लोगों की फरियाद
कुछ बच्चों को लगाए गए थे टांके जिनको स्थानीय लोग और उनके परिवार जन
बेस अस्पताल में पहुंचे तो लेकर 18 बच्चे जिन्हें एक कुत्ते ने काटा था. कुछ बच्चों को ज्यादा गहरा घाव था तो कुछ को सिर्फ कुत्ते के दांत लगे थे. जिनके सिर्फ कुत्ते के दांत लगे थे उन्हें इंजेक्शन लगाने के बाद वापस घर भेज दिया था ।बवहीं जिनके गहरे घाव थे उनकी मरहम पट्टी कर दी गई कुछ बच्चों को टांके लगाए गए
अगर आज बात करी जाए नगर निगम हल्द्वानी की तो शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। मुख्य बाजार हो या चौक-चौराहे, मोहल्ला हो या ढ़ाबा परिसर सभी जगह आवारा कुत्तों ने अपना बसेरा बना लिया है। इन कुत्तों का कोई ठिकाना नहीं है कि कब किसी बाइक चालक को भौंकते हुए दौड़ा दे। बच्चे तो अक्सर इन आवारों कुत्तों के शिकार होते रहते हैं। इसके बावजूद भी नगर पालिका की ओर से आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
नगर में जगह-जगह आवारा कुत्तों के झुंड घूम रहे हैं। इससे पैदल आवाजाही करने वाले राहगीरों में डर पैदा हो रहा है। सुबह की सैर करने वालों के साथ ही देर रात घरों को लौटने वाले लोग इनके आतंक से परेशान हैं। लोगों को हाथों में लाठी डंडे लेकर निकलना पड़ रहा है। नगर के साथ ही अब आस-पास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। बीच सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्तों की वजह से वाहन चालकों में भी दुर्घटना का भय बना हुआ है। इससे जगह-जगह जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इससे लोगों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है।
अब बात करते हैं हम नगर निगम की जिम्मेदारी की 46 लाख की लागत से हल्द्वानी में एबीसी सेंटर आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का मेयर ने शिलान्यास 23 जून 2018 किया था ।किया हुआ उस योजना का आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का आखिरकार किया हाल है 46.16 लाख की लागत से बनने वाला सेंटर करीब एक साल में तैयार होगा। ऐसा कहा गया था। क्या हुआ उस सेंटर का नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से आखिरकार क्यों पीछे हटता चला जा रहा है
आए दिन बढ़ते कुत्ते या आवारा पशुओं से लोग चोटिल होते चले जा रहे हैं मगर नगर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं क्यों नहीं इन आवारा पशुओं को कयू नही पकड़ा जाता है। जो पागल कुत्तों को जो जनता की परेशानियों का सबब बनते जा रहे हैं । आखिरकार कब जागेगा नगर निगम हल्द्वानी