
रिपोर्टर
मोहम्मद शाहिद अंसारी
बहेड़ी जिला बरेली

बारिश ने पहुंचाया किसानों को भारी नुकसान
जिसके चलते किसान अपनी किस्मत को रो रहा है अब वह भगवान को दोष दे या अपने आप को बांकेगंज (लखीमपुर खीरी)। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से दलहनी, तिलहनी और शाकभाजी फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। इस बारिश से आलू, मटर, टमाटर, मसूर और लाही फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। गेहूं की बुआई का अंतिम समय चल रहा है जिससे खेतों में पानी भरने से बुआई की संभावना खत्म हो गईं हैं। वहीं बुवाई के बाद हुई बारिश से खेतों में पानी भरने से जमाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


बांकेगंज क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जहां गेहूं और गन्ने की फसल को फायदा पहुंचा है तो वहीं आलू, मटर, टमाटर, मसूर सहित रबी फसल के दौरान बुआई की जाने वाली अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा हैं। दलहनी तिलहनी और शाकभाजी फसल उत्पादक किसानों के लिए यह बारिश आफत बन गई है। जल निकास समस्या के चलते संबधित फसलों में 60 फीसदी नुकसान पहुचंने की आशंका है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीके बिसेन ने बताया कि जिले में पिछले दो दिन से हो रही बारिश जहां गेहूं, गन्ना फसल के लिए वरदान साबित हुई, वहीं आलू, टमाटर, मटर, लाही, मसूर और शाकभाजी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हुई। बारिश से खेतों में जल निकास समस्या के चलते जलभराव होने से संबधित फसलों पर खतरा मंडराने लगा है।

क्या कहते है किसान
दलहनी और तिलहनी फसलों पर मंडराया खतरा: बांकेगंज के पहाड़नगर गांव निवासी किसान लाडी सिंह का कहना है कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से मसूर, लाही पर खेतों में जल निकास का इंतजाम न होने से खतरा मंडराने लगा है।
आफत बनी बारिश: कस्बा निवासी किसान गोल्डी गोयल का कहना है कि इलाके में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश आफत बन गई है। लेट गेहूं बुआई करने वाले लोगों के खेतो में पानी भरने से जमाव पर असर पड़ रहा है।
लाही और मसूर फसल हुई चौपट: खैरताली गांव निवासी किसान मनोज कुमार का कहना है कि पिछले दो दिन से हो रही बारिश से लाही और मसूर की फसल चौपट हो रही है। इससे फसल उत्पादन कम होने की आशंका बनी हुई है।
किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी: आलू उत्पादक किसान जतन सिंह का कहना है कि इस बारिश से आलू फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में जलभराव के बाद नमी होने और धूप न निकलने पर फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। जिससे उत्पादन कम होगा।
जिसके चलते किसान अपनी किस्मत को रो रहा है अब सूर्य देवता के सहारे या भगवान के सहारे देखना अभी है कि कहां तक किस्मत साथ देती है किसान का बांकेगंज क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जहां गेहूं और गन्ने की फसल को फायदा पहुंचा है तो वहीं आलू, मटर, टमाटर, मसूर सहित रबी फसल के दौरान बुआई की जाने वाली अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा हैं।

दलहनी तिलहनी और शाकभाजी फसल उत्पादक किसानों के लिए यह बारिश आफत बन गई है। जल निकास समस्या के चलते संबधित फसलों में 60 फीसदी नुकसान पहुचंने की आशंका है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पीके बिसेन ने बताया कि जिले में पिछले दो दिन से हो रही बारिश जहां गेहूं, गन्ना फसल के लिए वरदान साबित हुई, वहीं आलू, टमाटर, मटर, लाही, मसूर और शाकभाजी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हुई। बारिश से खेतों में जल निकास समस्या के चलते जलभराव होने से संबधित फसलों पर खतरा मंडराने लगा है।

क्या कहते है किसान
दलहनी और तिलहनी फसलों पर मंडराया खतरा: बांकेगंज के पहाड़नगर गांव निवासी किसान लाडी सिंह का कहना है कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से मसूर, लाही पर खेतों में जल निकास का इंतजाम न होने से खतरा मंडराने लगा है।
आफत बनी बारिश: कस्बा निवासी किसान गोल्डी गोयल का कहना है कि इलाके में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश आफत बन गई है। लेट गेहूं बुआई करने वाले लोगों के खेतो में पानी भरने से जमाव पर असर पड़ रहा है।

लाही और मसूर फसल हुई चौपट: खैरताली गांव निवासी किसान मनोज कुमार का कहना है कि पिछले दो दिन से हो रही बारिश से लाही और मसूर की फसल चौपट हो रही है। इससे फसल उत्पादन कम होने की आशंका बनी हुई है।
किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी: आलू उत्पादक किसान जतन सिंह का कहना है कि इस बारिश से आलू फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
खेतों में जलभराव के बाद नमी होने और धूप न निकलने पर फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। जिससे उत्पादन कम होगा। दूसरी ओर होली का तोहार भी है जिसके चलतेे होलिका दहन किया जाता है आप इसी तरीके से अगर सूर्य देवता मेहरबान नहीं होते हैं तो होलिका दहन होने मेंं काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जिसके चलते सिर्फ और सिर्फ भगवान
