अधिकारी के माध्यम से भोजन माताओं ने मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
संवाददता समी आलम
रामगढ़ मे खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से रामगढ़ ब्लॉक की भोजन माताओं ने अपनी मुख्य मांगों को लेकर एक ज्ञापन श्रमसचिव देहरादून को प्रेषित किया। सभी भोजन माताओं ने कहा कि हमसे विद्यालय में खाना बनाने के अतिरिक्त कमरो व मैदान की साफ सफाई और फुलवारी लगवाने का काम करवाया जाता है। जबकि हमारा मांदेय मात्र 2 हजार रुपये महीना है। हम भोजनमाता बहुत गरीब परिवार से है और इस महगाई मे 2 हजार रुपये में परिवार को चलाना बहुत कठिन हो गया है। भोजनमाताओ से स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से ज्यादा काम लिया जाता है। लेकिन मांदेय के नाम पर उनको मात्र दो हजार रुपए दिये जाते है। दिनाकं 11 जनवरी 2020 को उत्तराखंड के शिक्षा निदेशक ने भोजनमाताओ का मांदेय पांच हजार किये जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। जिसे आज तक लागू नही किया गया है।
विभिन्न मांगे -भोजन माताओं को न्यूनतम वेतन 18000 लागू करो।, -सभी भोजन माताओं को स्थाई करो,किसी भी स्थिति में भोजन माताओं को विद्यालय से ना निकाला जाए, अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा बनाये जाने वाले खाने पर रोक लगाई जाए।,क्वरंटाइन सेंटरों में काम करने वाली भोजन माताओं को अतिरिक्त सहयोग राशि व उनका जीवन बीमा कराया जाए।, वेतन बोनस समय पर दिया जाए।,स्कूलों में होने वाले उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों मे प्रेमा देवी, दीपा विष्ट, कोशलैया देवी, चंपा देवी, कविता देवी, मुन्नी देवी, नीता आदि भोजनमाता शामिल रही।