कालाढूंगी हलद्वानी ।पूरे देश मे इस समय लॉकडाउन है लोगो को दो बक्त की रोटी भी सही से नसीब नही हो पा रही है लेकिन दो सप्ताह पूर्व कालाढूंगी विधुत विभाग में संविदा में तैनात लाईन मैंन सलीम अंसारी को गयारह हज़ार की लाइन पर उनको भयंकर करंट लगने से उनकी एक हाथ काटना पड़ा और दूसरे हाथ की दो उंगलियों को काटा गया है
इस हादसे में सलीम अंसारी का एक हाथ बुरी तरह झुलस गया था उन्हें हलद्वानी के कृष्णा हॉस्पिटल भर्ती कराया गया है इलाज के दौरान सलीम के एक हाथ को काटना पड़ा सलीम अंसारी कालाढूंगी हेंडिल में संविदा कर्मी के रूप में कार्य करते है जिनकी सैलरी बहुत न कि बराबर है
उनके इलाज के लिए लोग उनकी मदद को आगे आये है अभी सलीम अंसारी का इलाज हलद्वानी के कृष्णा हॉस्पिटल में चल रहा है जिस में अभी तक उनके इलाज में लाखो रुपए का खर्च आ चुका है इस कंडीसन को देखते हुए हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने 50 हजार रूपए इलाज के लिए दिए है।और उन्होंने आगे भी इलाज के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया
इधर हल्द्वानी की थाल सेवा संस्था ने भी एक लाख रूपये की मदद की है इनके अलावा जीसान अली कुरैशी ने भी सलीम अंसारी को 40 हज़ार रूपये की मदद की है तो बही हैप्पी क्लब ने भी 15 हज़ार रूपये मदद को दिए है
हम अब बात कर रहे विधुत विभाग आपूर्ति और गड़बड़ी को सुधारने का दारोमदार संविदा कुशल व अकुशल श्रमिकों पर है। सामान्यत: इन्हें लाइनमैन कहा जाता है। बिजली ठीक करते समय इनके साथ बार-बार अनहोनी की घटनाएं होती हैं लेकिन विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। तभी इसकी पुनरावृत्ति होती रहती है।
अक्सर सुनने को मिलता है कि खंभे में चढ़ा संविदा लाइनमैन अचानक करंट आने से नीचे आ गिर गया। गिरने से वह गंभीर रूप झुलस जाता है या फिर वह अपंग हो जाता है। बात यही नहीं समाप्त होती कभी-कभी संविदा लाइनमैन की गंभीर रूप से झुलसने से मौत भी हो जाती है। अब तक जिले में एक दर्जन संविदा लाइनमैन दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं। इनमें कई तो कार्य करने लायक ही नहीं रहे। यह सब घटनाएं मोबाइल से शट डाउन देने की प्रक्रिया के चलते हो रही हैं। दुर्घटना के बाद पता चलता है कि शट डाउन किसी और स्थान के लिए था लेकिन दे दिया दूसरे स्थान का। अनहोनी होने पर आनन फाइन में किसी पर जिम्मेदारी डालकर कर्तव्य की इतिश्री समझ ली जाती है। कुछ दिनों में बात आई गई हो जाती है। दुर्घटना का शिकार होने पर विभाग भी कर्मचारी के परिवार की अधिक मदद नही कर पाता क्योकि इनकी नियुक्ति सीधे विभाग से नही है बल्कि ठेकेदार के माध्यम से इनको विभाग मानदेय देता है।